परिभ्रमण कार्यक्रम में सदर व रामगढ़ चौक के किसानों ने लिया भाग

दो दिनों से अलग-अलग प्रखंड क्षेत्र के किसानों को हलसी कृषि विज्ञान केंद्र का किसान उपयोगी प्रशिक्षण को लेकर परिभ्रमण कराया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2024 8:41 PM

लखीसराय. कृषि व संबद्ध तकनीकी प्रसार के लिए उत्तरदायी स्वायत्त पंजीकृत संस्था कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा ) के सौजन्य से पिछले दो दिनों से अलग-अलग प्रखंड क्षेत्र के किसानों को हलसी कृषि विज्ञान केंद्र का किसान उपयोगी प्रशिक्षण को लेकर परिभ्रमण कराया जा रहा है. डीएओ सह आत्मा के निदेशक सुबोध कुमार सुधांशु के अनुसार शुक्रवार को लखीसराय जिले के चानन प्रखंड एवं हलसी प्रखंड के 117 किसानों को एक दिवसीय परिभ्रमण कराये जाने के बाद शनिवार को लखीसराय सदर प्रखंड एवं रामगढ़ चौक प्रखंड क्षेत्र के जैविक खेती के लिए चयनित किसानों का एक दिवसीय परिभ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया. आत्मा योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत हलसी कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे इन किसानों को आम, अमरूद, नींबू आदि का ग्राफ्टिंग अर्थात कलमी कार्य का प्रशिक्षण, मौसम आधारित कृषि कार्य को अपनाने संबंधित लाभ, ड्रिप इर्रीगेशन से पटवन करना आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी. कृषि विज्ञान केंद्र हलसी के सभागार में इन किसानों को डीएओ सुबोध कुमार सुधांशु, विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ शंभू राय, कृषि वैज्ञानिक निशांत कुमार द्वारा विभिन्न तरह के प्रशिक्षण देकर कृषि संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी. कृषि वैज्ञानिक डॉ राय के अनुसार किसानों को हलसी कृषि विज्ञान केंद्र में कृषक हितकारी खाद बीज के प्रयोग के साथ-साथ विपरीत परिस्थिति में परती बच गये खेतों में मौसम अनुकूल खेती या बागवानी करने से संबंधित जानकारी भी उपलब्ध कराया गया. इसमें टमाटर, मिर्च, सब्जी आदि की खेती के साथ मकई, मशरूम आदि की खेती संबंधित जानकारी दी गयी. सुरारी इमाम नगर के रणधीर कुमार, रामगढ़ चौक के कुशेश्वर महतो, महिसोना के श्याम सुंदर सिंह, संगीता देवी आदि कृषकों का प्रतिनिधित्व प्रखंड तकनीकी प्रबंधक लखीसराय सुभाष कुमार, सहायक तकनीकी प्रबंधक लखीसराय भास्कर कुमार, पुष्पा कुमारी कर रहे थे. उपरोक्त जानकारी आत्मा के लेखपाल पंकज कुमार पांडेय ने देते हुए बताया कि ड्रिप इरीगेशन से सिंचाई एक विशेष विधि है. जिसमें पानी और खाद की बचत होती है. इस विधि में पानी को पौधे की जड़ों पर बूंद-बूंद करके टपकाया जाता है. इसके लिए वाल्ब, पाइप, नलियों तथा एमिटर का नेटवर्क लगाना पड़ता है. इसे टपक सिंचाई या बूंद-बूंद सिंचाई भी कहते हैं.

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