उर्वरक की जानकारी, शिकायत के लिए 9430419364 पर कॉल करें किसान
खरीफ फसल खासकर धान की फसल में खाद देने को लेकर इन दिनों किसान परेशानी झेल रहे हैं.
लखीसराय. खरीफ फसल खासकर धान की फसल में खाद देने को लेकर इन दिनों किसान परेशानी झेल रहे हैं. बाजार के साथ-साथ बिस्कोमान के गोदाम से भी खाद की कालाबाजारी की शिकायतें मिल रही है. इस संबंध में अपनी विवशता जाहिर करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी सुबोध कुमार सुधांशु ने बताया कि इस वर्ष हुए खरीफ फसल की 58 हजार चार सौ हेक्टेयर बुआई में 41 हजार 720 हेक्टेयर मे धान फसल की बुआई की गयी है. जबकि इसके अनुपात में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वर्तमान समय में यूरिया आवश्यकता से बहुत अधिक उपलब्ध है. जिले में यूरिया 3893 मीट्रिक टन उपलब्ध है. वहीं फास्फेटिक उर्वरक की काफी कमी है. जिसमें डीएपी, एसएसपी, एनपीएस शामिल है. इसकी जरूरत एक हजार मीट्रिक टन की है, लेकिन जिलें में यह मात्र तीन मीट्रिक टन से भी कम उपलब्ध है. तीन सितंबर तक आस-पास रैक लगने के बाद पांच सितंबर तक उपलब्ध कराये जाने की संभावना है. इसके पीछे वजह यह है कि केंद्र सरकार द्वारा ही कम मात्रा में आपूर्ति की गयी है. जिसमें चीन द्वारा आपूर्ति नहीं किया जाना भी एक बहुत बड़ा कारण है. खाद की कालाबाजारी को लेकर डीएओ सुधांशु ने बताया कि कजरा में संचालित श्वेता खाद बीज भंडार द्वारा मूल्य से अधिक कीमत पर खाद बेचने की शिकायत मिली थी, जिस पर जांच के उपरान्त लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. अन्यत्र कहीं से भी यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो तत्काल कार्रवाई की जायेगी.
उर्वरक बिक्री निगरानी के लिए है कोषांग गठित
जिले में खरीफ फसलों में इन दिनों किसानों द्वारा रासायनिक खादों यूरिया, डीएपी आदि का उपयोग किया जा रहा है. अधिकृत दुकानों और बिस्कोमान भवन में बिक्री की जा रही है. जिले में उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला स्तर पर इसकी निगरानी के लिए एक कोषांग का गठन किया है. गठित कोषांग में सहायक अनुसंधान पदाधिकारी मिट्टी जांच प्रयोगशाला राजेश कुमार (मोबाइल नंबर 9430419364) के साथ उसी कार्यालय के लिपिक उमेश प्रसाद मंडल, डाटा एंट्री ऑपरेटर रंजय कुमार की प्रतिनियुक्ति की है. डीएओ सुबोध कुमार सुधांशु ने कोषांग के पदाधिकारी को उर्वरकों की कालाबाजारी की प्राप्त शिकायतों को दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इस नंबर पर कॉल करके किसानों द्वारा खाद की जानकारी के साथ-साथ शिकायत दर्ज कराया जा सकता है.
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