मेदनीचौकी. प्रखंड के टाल क्षेत्र में बारिश नहीं होने से धान का बिचड़ा गिराने वाले किसान हतोत्साहित हो रहे हैं. हालांकि आसमान में बादलों का उमड़-घुमड़ का समा बंधता है लेकिन कड़ी धूप के सामने बादलों से बारिश का माहौल नहीं बन पा रहा है. धान के बिचड़ा गिराने का समय एक-एक दिन करके निकल रहा है. किसान बिचड़ा गिराने के लिए खेतों में क्यारी को तैयार करके रखा हुआ है. धान फसल के लिए किसान और प्रकृति में सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है. हालांकि टाल क्षेत्र के अलग-अलग हिस्से में हवा के रूख के अनुसार हल्की बूंदाबूंदी होती है लेकिन इस तरह के बूंदाबूंदी से काम नहीं चलने वाला है. धान बिचड़ा गिराने के लिए इंद्रदेव को जमकर बरसना होगा. किसान कहते हैं कि धान का मंहगा बीज बिचड़ा गिराने के लिए खरीदना पड़ रहा है. बताया गया कि पहले किस्त में बाजार में आये बीज का दाम 50 रुपये कम था, जो वर्तमान में 50 रुपये बढ़ोतरी के साथ मिलने की बात किसान बता रहे हैं. किसानों को इधर, मौसम का साथ नहीं मिल रहा है, वहीं धान के बीज खरीदने में भी मंहगाई का सामना करना पड़ रहा है.
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