नहाय खाय के साथ सूर्योपासना का महापर्व हुआ शुरु
पवित्र नदी, तालाब, जलाशय एवं गंगा नदी में स्नान के साथ चार दिवसीय सूर्योपासना का महापर्व छठ की शुरुआत हो गयी है.
लखीसराय. पवित्र नदी, तालाब, जलाशय एवं गंगा नदी में स्नान के साथ चार दिवसीय सूर्योपासना का महापर्व छठ की शुरुआत हो गयी है. छठ व्रतियों द्वारा भारी संख्या में बड़हिया, सिमरिया, मुंगेर गंगा तट पर जाकर पवित्र गंगा नदी में स्नान ध्यान किया गया. इसी के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आज नहाय-खाय से शुरू हो गया है. आज के दिन व्रती सुबह गंगा नदी या पवित्र जलाशय, घर में पवित्र स्नान कर पूरे घर की सफाई करतीं हैं. छठ व्रती ने बताया कि छठ पूजा में व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं. इस कारण यह व्रत काफी कठिन व्रत माना जाता है. पूजा की शुरुआत आज नहाये-खाये से हुई. जिसमें व्रती गंगा स्नान कर गंगाजल या किसी भी नदी के पवित्र जल से प्रसाद बनायेंगी, जिसमें सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है. लौकी-चने की दाल, सब्जी और चावल का विशेष तौर पर प्रसाद बनाया जाता है. यही कारण है कि इस कद्दू भात से भी जाना जाता है. पहली सुबह से ही नदी तट पर स्नान करने वालों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी.
कवैया थाना परिवार ने बांटी छठ सामग्री
लखीसराय. छठ पर्व को लेकर छठ व्रतियों के बीच सामग्री वितरण में सामाजिक संगठन के साथ-साथ पुलिस प्रशासन भी इस वर्ष सक्रिय दिख रही है. पुरानी बाजार छोटी दुर्गा स्थान समिति के माध्यम से 17 सामग्री के साथ छठ डाला का वितरण दर्जनों लोगों के बीच किया गया. जबकि कवैया थाना अध्यक्ष राजवर्धन कुमार के नेतृत्व में थाना परिवार द्वारा भी आसपास के छठ व्रतियों के बीच आवश्यक छठ सामग्री का वितरण किया गया.
किऊल नदी के विभिन्न घाटों पर रही छठ व्रतियों की भीड़
सूर्यगढ़ा. नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू हुआ. किऊल नदी के विभिन्न घाटों पर तड़के से ही नदी स्नान के लिए छठ व्रतियों की भीड़ रही. व्रती नदी के पवित्र जल से अरवा-अरवायन भोजन बनाकर छठी मइया एवं भगवान सूर्य देव को ध्यान कर भोजन को प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया. अरवा-अरवायन भोजन में चने की दाल, कद्दू की सब्जी खाने का विशेष महत्व होता है. इसका शगुन होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है