सूर्यगढ़ा. गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से सूर्यगढ़ा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने आने लगा है. निचला इलाका पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गया है. निचले इलाके के खेत पानी में पूरी तरह डूब चुके हैं. लोगों का कहना है कि अगर जलस्तर में इसी तरह तेजी से वृद्धि होता रहा तो अगले कुछ दिनों में आबादी वाले इलाकों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर जायेगा.
शाम्हो में 2500 हेक्टेयर खेत में लगी फसल चढ़ी बाढ़ की भेंट
सूर्यगढ़ा प्रखंड के आसपास दियारा क्षेत्र में तेजी से बाढ़ का पानी खेतों को डुबो रहा है. प्रखंड मुख्यालय सूर्यगढ़ा से सटे बेगूसराय जिला के शाम्हो-अकहा-कुरहा प्रखंड में खेती योग्य कुल भूमि का 50 प्रतिशत इलाके में बाढ़ का पानी खेतों में प्रवेश कर चुका है. जानकारी के मुताबिक शाम्हो अंचल में खेती योग्य कुल पांच हजार हेक्टेयर भूमि है. इनमें से 25 सौ हेक्टेयर भूमि में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. इन खेतों में लगी मक्का, सोयाबीन एवं धान की फसल बाढ़ के पानी में डूब कर बर्बाद हो चुकी है.
आबादी वाले इलाके को अभी खतरा नहीं
शाम्हो अंचल में अभी आबादी वाले इलाके को बाढ़ का खतरा नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि इसी तरह जलस्तर में वृद्धि होती नहीं तो अगले कुछ दिनों में आबादी वाले इलाके में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर जायेगा.
जगन सैदपुर झगड़ाहा में सड़क पर तीन फीट ऊपर चढ़ा पानी
सूर्यगढ़ा से जगन सैदपुर जाने वाली सड़क में जगन सैदपुर झगड़ाहा के समीप सड़क पर तीन फीट ऊपर पानी बहने से इस मार्ग पर सड़क यातायात में आवागमन ठप हो गया है. इधर, बिजुलिया से सोनबरसा जाने वाली सड़क में बीएमसी के नजदीक सड़क पर पानी आ गया है. हालांकि यहां अभी सड़क पर पानी काफी अधिक नहीं है. शाम्हो दियारा क्षेत्र में शेष जगहों पर सड़क यातायात सामान्य है, लेकिन गैस गोदाम से सोनबरसा जाने वाली सड़क में जल्द ही बाढ़ का पानी चढ़ जाने की संभावना है.
जगन सैदपुर जाने के लिए प्रशासन ने की नाव की व्यवस्था
जगन सैदपुर झगड़ाहा के समीप सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने से सड़क यातायात अवरूद्ध हो गया है. शाम्हो के सीओ नवीन कुमार ने बताया कि जगन सैदपुर जाने के लिए फिलहाल एक नाव की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि बाढ़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन द्वारा फिलहाल 30 नाव की व्यवस्था की गयी है. जिसे जरूरत पड़ने पर प्रभावित इलाके में चलाया जायेगा. अगर और अधिक नाव की जरूरत होगी तो प्रशासन और अधिक नाव उपलब्ध करायेगी. उन्होंने बताया कि अनुग्रह अनुदान के लिए लाभुकों का लिस्ट तैयार किया गया है. बाढ़ की संभावना को देखते हुए पॉलिथीन सीट उपलब्ध करा लिया गया है. इसके अलावा सामुदायिक किचन के लिए स्थल का चयन किया जा चुका है.निस्ता से अलीनगर तक एनएच 80 के पश्चिम साइड का इलाका हुआ जलमग्न
किऊल नदी का पानी चढ़ाने एवं बारिश के कारण निस्ता से अलीनगर तक एनएच 80 के पश्चिम साइड का निचला इलाका पूरी तरह जलमग्न हो गया है. प्रखंड क्षेत्र के निचले इलाके में भी जलजमाव की समस्या लोगों को परेशान कर रहा है. ग्रामीण सड़कों पर एक फीट तक पानी है. निचले इलाके के कई घरों में भी वर्षा का पानी प्रवेश कर गया है.रसूलपुर में बढ़ा बाढ़ का खतरा
सूर्यगढ़ा प्रखंड के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित इलाका रसूलपुर में बाढ़ का खतरा गहरा गया है. गंगा का जलस्तर सुरक्षा तटबंध तक पहुंच चुका है. यहां के लोग बाढ़ के संभावित खतरे को लेकर चिंतित होने लगे हैं. प्रशासनिक पदाधिकारी लगातार सुरक्षा प्रबंध की स्थिति पर नजर रख रहे हैं. इस संबंध में सूर्यगढ़ा के सीओ स्वतंत्र कुमार ने बताया कि निस्ता एवं रसूलपुर गांव में सुरक्षा तटबंध की स्थिति का लगातार जायजा लिया जा रहा है. प्रशासन बाढ़ के संभावित खतरे से निपटने की हर संभव तैयारी कर चुका है. अभी इन इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं है. इधर, मेदनीचौकी क्षेत्र में क्षेत्र में झाना नदी का पानी तेजी से खेतों में फैल रहा है. खासकर अवगिल-रामपुर पंचायत एवं किरणपुर पंचायत में एनएच 80 से पूरब साइड की खेत जलमग्न होने लगी है.
बोले
अधिकारी
विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक शाम्हो अंचल कल खेती योग्य भूमि के 50 प्रतिशत भाग में बाढ़ के पानी में डूब चुका है. अभी निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैला है. आबादी वाले इलाके से बाढ़ का पानी अभी काफी दूर है. जगन सैदपुर झगड़ाहा के समीप सड़क पर पानी है. जिससे उक्त मार्ग पर सड़क यातायात बंद हो गया है. शेष मार्गों पर सड़क यातायात अभी सामान्य है.
-नवीन कुमार, सीओ, शाम्हो-अकहा-कुरहा
सूर्यगढ़ा प्रखंड में अभी बाढ़ की स्थिति नहीं बनी है. रसूलपुर एवं निस्ता गांव में सुरक्षा तटबंध को बाढ़ का सर्वाधिक खतरा रहता है. प्रशासन द्वारा इन जगहों सुरक्षा तटबंध की स्थिति की लगातार जानकारी ली जा रही है. प्रशासन बाढ़ के संभावित खतरे से निबटने के लिए हर मुकम्मल तैयारी कर चुका है.-स्वतंत्र कुमार, अंचलाधिकारी, सूर्यगढ़ा
गहराने के लगा पशुचारा का संकट
सूर्यगढ़ा. बाढ़ का पानी खेतों में फैल जाने से फसलें बर्बाद होने लगी है. इधर, किसानों के समक्ष पशुचारा का संकट गहराने लगा है. दियारा क्षेत्र के किसानों के मुताबिक नदी के जलस्तर में अगर इसी तरह तेजी वृद्धि हुई तो जल्द ही पूरा दियारा क्षेत्र जलमग्न हो जायेगा. किसान के समक्ष पशुचारा का संकट और गहरा जायेगा. किसान पशु को लेकर ऊंचे स्थान पर पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं.गंगा व नदी के जलस्तर में नहीं हो रही है कमी, किसान चिंतित
लखीसराय. गंगा की उफान में कमी नहीं हो रही है. वहीं किऊल एवं हरूहर नदी का जलस्तर में भी कमी नहीं हो रही है. जलस्तर की कमी नहीं होने के कारण दियारा के किसानों को सबसे अधिक सोयाबीन की खेती की चिंता सता रही है. रामनगर के किसान अजय कुमार सिंह ने बताया कि गंगा की उफान एवं नदियों के जलस्तर से अभी तक दियारा क्षेत्र के सोयाबीन की खेती सुरक्षित है, लेकिन दो-तीन दिन लगातार इस तरह से जलस्तर बढ़ते रहा तो सोयाबीन की खेती को नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि यहां के किसान मोटी रकम की लागत से सोयाबीन की खेती करते हैं. बाढ़ का पानी आ जाने से सोयाबीन का फसल गल सकता है. तीन से चार फीट पानी ऊपर होने से सोयाबीन की खेती को नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि दो-तीन दिन बारिश अगर नहीं हुई तो जलस्तर में कमी हो सकती है. गंगा से अधिक किऊल एवं हरुहर नदी के पानी का खतरा हो सकता है. सोयाबीन की खेती ऊंचे स्थान के खेत में बुआई की गयी है, जिससे की किसानों को पानी प्रवेश की संभावना कम है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है