गुलाम सरवर ने उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिलाया: हाफिज लतीफ असलम

शहर के इंग्लिश मोहल्ला स्थित मुस्लिम सामुदायिक भवन में शुक्रवार को बिहार विधानसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष गुलाम सरवर की 98वीं जयंती उर्दू दिवस के रूप में मनायी गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 10, 2025 7:20 PM

उर्दू दिवस के रूप में मनायी गयी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गुलाम सरवर की जयंती

लखीसराय. शहर के इंग्लिश मोहल्ला स्थित मुस्लिम सामुदायिक भवन में शुक्रवार को बिहार विधानसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष गुलाम सरवर की 98वीं जयंती उर्दू दिवस के रूप में मनायी गयी. उर्दू बेदार कमेटी लखीसराय द्वारा आयोजित कार्यक्रम को पूर्व जिला पार्षद मो अब्बास, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अमरेश कुमार अनीश, नगर कांग्रेस अध्यक्ष हीरा लाल रजक एवं जिला राजद के उपाध्यक्ष प्रेम सागर चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर उदघाटन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता उर्दू बेदार कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष सह पूर्व वार्ड पार्षद मो फैयाज आलम एवं संचालन इंग्लिश निवासी व बिलौरी मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक हसीबुर्र रहमान ने की. इससे पहले मुस्लिम समुदाय के बच्चों मो कासिम, वजीर अली, नसीर खलीफा, इनाम, इकबाल व कलाम ने सुरीली आवाज में कलाम व तहरीर सुनायी.

मौके पर मास्टर हाफिज लतीफ असलम ने कहा कि आज देश में अवाम एवं मजलूमों के सलामती की सियासत की जगह मंदिर-मस्जिद हो रहा है, इससे देश की तरक्की कभी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान की सियासत से ही भारत की बड़ी आबादी को खुशहाल और तरक्की कर सकती है. हाफिज लतीफ असलम ने कहा कि बिहार विधानसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष गुलाम सरवर योग्य पुरुष थे. समुदाय का रहनुमा बताते हुए कहा कि उनके प्रयास से ही उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिला. जिला कांग्रेस अध्यक्ष अमरेश कुमार अनीश ने कहा कि गुलाम सरवर जी विद्वान प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे, सामंतवादी विचारधारा का वे आजीवन खुलकर मुखालफत करते रहे. पूर्व जिला पार्षद मो अब्बास ने कहा कि गुलाम सरवर साहब समाजवादी विचारधारा के हिमायती थे. पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद जी उनका बहुत सम्मान करते थे. उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया. राजद के जिलाउपाध्यक्ष प्रेम सागर चौधरी एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ लक्षमी प्रसाद सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गुलाम सरवर साहब एक शायर व मुखर पत्रकार भी थे, उनकी तहरीर एवं लेखनी से तत्कालीन अधिकारी और सरकार भय खाते थे. उर्दू बेदार कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष सह पूर्व वार्ड पार्षद मो फैयाज आलम ने गुलाम सरवर साहब के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं उप्लब्धयों को विस्तार से चर्चा की. मौके पर समाजसेवी शशि महतो, बटुक ठाकुर, पूर्व मुखिया उचित यादव, प्रखंड अध्यक्ष महेश सिंह, जियाउद्दीन, दिनेश प्रसाद चंद्रवंशी, नसिर खलीफा सहित अन्य मौजूद थे.

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