सरफेस ट्रायंगल चालू होने के बाद अशोक धाम एवं कुरौता-पतनेर स्टेशन का बढ़ जायेगा महत्व

किऊल-गया रेलखंड के पूर्ण रूप से दोहरीकरण होने के बाद व सरफेस ट्रायंगल बनने के बाद कुरौता पतनेर का महत्व बढ़ गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2024 7:19 PM
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अशोक धाम व कुरौता पतनेर के बीच बना है सरफेस ट्रायंगल

एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों को मिल सकता है ठहराव

स्टेशन पर बिल्डिंग का निर्माण एवं प्लेटफार्म की बढ़ा दी गयी है संख्या

लखीसराय. अशोक धाम व कुरौता पतनेर स्टेशन के बीच सरफेस ट्रायंगल चालू होने के बाद अशोक धाम एवं कुरौता-पतनेर स्टेशन का महत्व बढ़ जायेगा. यह स्टेशन लखीसराय की तरह टर्मिनल स्टेशन के रूप में उभर सकता है. किऊल-गया रेलखंड के पूर्ण रूप से दोहरीकरण होने के बाद व सरफेस ट्रायंगल बनने के बाद कुरौता पतनेर का महत्व बढ़ गया है. किऊल-गया रेलखंड के दोहरीकरण के बाद इस रेल खंड पर कई महत्वपूर्ण ट्रेन का परिचालन कराये जाने की संभावना है. कुरौता-पतनेर स्टेशन पर लगभग सभी ट्रेनों का ठहराव भी मिल सकता है. जिससे कि पतनेर एवं पचना रोड पर वाहनों का परिचालन बढ़ जायेगी. पटना एवं गया की ओर जाने वाली ट्रेन लखीसराय एवं किऊल स्टेशन नहीं जाने के कारण यात्री कुरौता-पतनेर स्टेशन पर ही उतरेंगे एवं पतनेर, मोरमा, कछियाना जाने वाले ऑटो ई रिक्शा से अपने गंतव्य की और पहुंचेंगे. वहीं दूसरी और शहर आने के लिए भी यहां के यात्रियों को गया से आने पर ट्रेन को कुरौता-पतनेर स्टेशन पर ही उतरेंगे. इससे ई-रिक्शा एवं ऑटो चालक की कमाई भी बढ़ जायेगी. ऑटो एवं ई-रिक्शा चालक कुरौता से लखीसराय स्टेशन एवं कछियाना के रूट की और चलेगी.

पटना-किऊल रेलखंड के बीच अशोक धाम स्टेशन का हो रहा विकास

पटना-किऊल रेलखंड के बीच अशोक धाम स्टेशन का भी विकास किया जा रहा है. सरफेस ट्रायंगल के निर्माण होने के बाद कोसी एवं मिथिलांचल के अलावे पटना से आने वाली एवं गया की ओर जाने वाली ट्रेन लखीसराय एवं किऊल नहीं आयेगी. जिससे कि यात्रियों को अशोक धाम स्टेशन पर ही उतरना पड़ेगा. फिलहाल अशोक धाम स्टेशन को नया रूप दिया जा रहा है. अशोक धाम स्टेशन पर अधिकारियों के लिए एवं यात्री सुविधा के लिए एक बड़ा भवन तैयार कर लिया गया है. वहीं प्लेटफॉर्म की संख्या भी बढ़ायी गयी है. इस प्रकार अशोक धाम से बाइपास होकर लखीसराय रेलवे स्टेशन तक फोटो एवं ई-रिक्शा का परिचालन बढ़ जायेगा. वहीं विद्यापीठ चौक के लिए भी ओर जाने वाले ऑटो एवं ई रिक्शा का परिचालन बढ़ जायेगा. इससे बेरोजगारी भी कम होने की संभावना बनी रहेगी. वहीं ऑटो एवं ई-रिक्शा की कमाई भी बढ़ जायेगी.

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