लखीसराय : भवन कार्य प्रमंडल लखीसराय के देखरेख में सोमवार को बालगुदर में जिलास्तरीय पुरातात्विक संग्राहालय भवन निर्माण के लिए प्रशासनिक देखरेख में निर्माण के कार्य प्रारंभ किये गये. इस दौरान एसडीएम संजय कुमार, एसडीपीओ रंजन कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी राजीव मोहन सहित भारी संख्या में सुरक्षाबलों के जवान संग्राहालय निर्माण स्थल पर मौजूद थे. एसडीएम संजय कुमार के अनुसार जिले में लंबे दिनों से प्रतीक्षित संग्राहालय निर्माण के कार्य प्रारंभ कर दिये गये. इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से डेढ़ एकड़ का जमीन मुहैया कराया गया है. संग्राहालय निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से कुल 27.22 करोड़ की राशि आवंटित की गयी है. संग्राहालय निर्माण कार्य डेढ़ वर्ष में पूरा किये जायेंगे. संग्राहालय भवन निर्माण के साथ ही जिले में पुरातात्विक अवशेषों को सुरक्षित संग्रह रखने में काफी सहूलियत होगी. इससे जिलेवासियों में काफी खुशी का माहौल देखा जा रहा है.
प्रशासनिक पदाधिकारियों व जानकार लोगों की मानें तो जिले में बालगुदर गांव स्थित अशोक धाम मोड़ पर मौजूद निर्माण स्थल की जमीन संग्राहालय के लिए सर्वोत्तम मानी जा रही है. जानकारों का कहना है कि जिले के प्रसिद्ध स्थल अशोक धाम आगमन पर लोग संग्राहालय का भ्रमण कर सकेंगे. एक ही जगह पर जहां अशोक धाम में शिवलिंग का दर्शन हो सकेगा तो संग्राहालय में जिले के इतिहास की लोगों को जानकारी प्राप्त हो सकेगी. वहीं यहां पर्यटकों का आवागमन भी बढ़ेगा.
बालगुदर गांव में ग्रामीणों के विरोध किये जाने की आशंका को लेकर पुलिस वहां दंगे जैसे स्थिति से निपटने के लिए पहुंची थी. पुलिस पूरी तैयारी कर कार्य स्थल पर पहुंची. ग्रामीणों के जगने से पूर्व सोमवार की अहले सुबह साढ़े चार बजे से ही गांव के हर गली मुहल्ले एवं चौक चौराहे पर महिला एवं पुरुष पुलिस जवान को तैनात कर दिया गया. वहीं पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार किसी भी प्रकार विरोध प्रदर्शन से निपटने के खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे. पुलिस की ऐसी व्यवस्था देखकर लोग दंग रहे.
बारिश होने के बावजूद भी कार्य को नहीं रोका गया कार्यस्थल पर कार्य ऐसे युद्ध स्तर पर जारी रखा गया था. मानों कुछ दिनों में ही जल्द से जल्द निर्माण कार्य को पूरा कर लिये जाने की बात सोची गयी हो. कार्यस्थल का डीएम संजय कुमार सिंह, एसपी सुशील कुमार द्वारा निरीक्षण किया गया. संग्राहालय निर्माण के बाद जिले के इतिहास को संयोजने में बड़ा सहायक साबित होंगे. जिले के अशोक धाम, लाली पहाड़ी, उरैन समेत अन्य जगहों के इतिहास की धरोहर संग्रहालय के बिना जैसे-तैसे रखा जा रहा था.
posted by ashish jha