कार्यशाला में एनीमिया से बचाव को ले दी गयी जानकारी

सदर अस्पताल के सभागार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर समन्वय विभाग के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 5, 2024 9:01 PM

लखीसराय. सदर अस्पताल के सभागार में सिविल सर्जन डॉ विनोद प्रसाद सिन्हा की देखरेख में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर समन्वय विभाग के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ सीएस, डीआइओ अशोक भारती, डीएस डॉ राकेश कुमार, डीपीएम सुधांशु नारायण लाल आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम में चर्चा करते हुए बताया गया कि एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसमें जिले में कम से कम 70 प्रतिशत एनिमिक बच्चे पाये जाते हैं. छह माह से 59 माह तक के बच्चों को आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा आइएफए सिरप सप्ताह में दो बार पिलाया जाना है. शुरुआत की दो खुराक अपनी देखरेख में आशा पिलायेंगी. इसके उपरांत घर के सदस्य द्वारा उसे नियमित पिलाया जाना है और पांच साल से नौ साल तक के बच्चों को इसका पिंक टैबलेट सप्ताह में एक दिन बुधवार को दिया जाना है एवं 10 साल से 19 साल तक के सभी बच्चों को आइएफए ब्लू टैबलेट सप्ताह में एक दिन बुधवार को सभी स्कूलों में खिलाया जाना है. सभी रिप्रोडक्टिव 20 वर्ष से 49 वर्ष, गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं को आइएफए रेड टैबलेट दिया जाना है. जिसमें सभी गर्भवती महिलाओं को चौथे माह से बच्चे के जन्म तक कुल 180 टैबलेट, प्रतिदिन एक टैबलेट खाना है. जोकि गर्भवती महिलाओं को यह सुविधा सभी स्वास्थ्य संस्थान पर उपलब्ध है. विद्यालयों में आपूर्ति को लेकर एक नोडल शिक्षक नियुक्त किया गया है. समय पर दवा उपलब्ध कराने की मांग करनी है. एनीमिया से ग्रसित रिप्रोडक्टिव आयु की संख्या ज्यादा है जो की सही खान-पान ना होने के कारण इसकी संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. जिसमें सुधार के लिए सभी गर्भवती महिलाओं को एवं उनके परिजन को विशेष ध्यान रखना होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version