किसानों को सुगंधित फसलों की खेती करने की दी गयी जानकारी
कृषि विज्ञान केंद्र हलसी परिसर के सभागार भवन में औषधीय फसलों पर किसानों को जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
हलसी. कृषि विज्ञान केंद्र हलसी परिसर के सभागार भवन में औषधीय फसलों पर किसानों को जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान डॉ शंभू राय व वैज्ञानिक डॉ सभाजीत ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया. वहीं मंच संचालन डॉ रेणु कुमारी ने की. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ शंभू राय को भारतीय समवेत औषधी संस्थान जम्मू के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सभाजीत के द्वारा पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया जबकि सीएसआइआर आइआइआइएम के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सभाजीत को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ शंभू राय द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में किसानों के लिए औषधीय फसलों के लिए जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन विपणन एवं सुगंधित फसलों जैसे लेमनग्रास, जापानी पुदीना, खस आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी. वहीं किसानों को इस तरह की खेती को लेकर प्रेरित किया गया. इस प्रकार की खेती कर ज्यादा आमदनी कमा सकते हैं. वहीं लेमनग्रास की खेती करने में कम लागत में ज्यादा आमदनी उपार्जन कर सकते हैं. लेमनग्रास की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, जबकि इसकी खेती में कम पानी लगता है. लेमनग्रास की बुआई जून, जुलाई, अगस्त, फरवरी, मार्च में की जाती है और पहली कटाई 60 दिन में व दूसरी और तीसरी कटाई 90 दिन में की जाती है. इसकी खेती की एक बार बुआई की जाती है तो यह लगभग पांच वर्षों तक कटाई की जा सकती है. इससे सुगंधित साबुन, सुगंधित तेल, सौंदर्य, परफ्यूम, दवाई, लेमन टी आदि मिलती है. वहीं लेमन ग्रास की खेती को जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाती है क्योंकि इसमें तेल ग्रंथि होती है एवं पत्ते में सिरका होती है, इसलिए लेमनग्रास के पौधों को जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इस कार्यक्रम में शामिल कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सुधीर चंद चौधरी, डॉ विनोद कुमार सिंह, डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ रेणु कुमारी, डॉ निशांत प्रकाश शामिल हुए. मौके पर किसान राजेंद्र महतो, अजय यादव, अरुण महतो, महेश महतो, प्रदीप यादव, संजय सिंह, रवि सिंह, विशुनदेव महतो, गोपाल सिंह एवं अन्य किसान मौजूद रहे.
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