शिक्षकों को भूमिका व दायित्व का पाठ पढ़ने का निर्देश
पूर्व अपर सचिव केके पाठक जहां विद्यालयों में पहुंचकर शिक्षकों को पाठ पढ़ा रहे थे, वहीं वर्तमान अपर सचिव ने निर्देश पत्र को इसका माध्यम बनाया है.
लखीसराय. पूर्व अपर सचिव केके पाठक जहां विद्यालयों में पहुंचकर शिक्षकों को पाठ पढ़ा रहे थे, वहीं वर्तमान अपर सचिव ने निर्देश पत्र को इसका माध्यम बनाया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ द्वारा विद्यालयों में शिक्षकों की भूमिका एवं दायित्व का पाठ पढ़ने का निर्देश जारी हुआ है. इसके लिए शिक्षक मार्गदर्शिका विद्यालयों में उपलब्ध कराया जा रहा है. डीइओ यदुवंश राम द्वारा इस संबंध में शिक्षकों के लिए जारी किये गये पत्र में कहा कि शिक्षा विभाग, बिहार सरकार राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं सभी विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इस संबंध में विद्यालयों में शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. जिसमें शिक्षक ही बच्चों के समग्र विकास को सकारात्मक दिशा प्रदान करता है. विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धि के साथ-साथ उनके सामाजिक एवं भावनात्मक व्यवहार का परिमार्जन कर उन्हें भविष्य का श्रेष्ठ नागरिक बनाना उनका दायित्व है. यह आवश्यक है कि शिक्षक अपने विद्यालय एवं विद्यार्थियों के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन दृढ़तापूर्वक करे. इसके लिए सभी डीईओ को निर्देश दिया जाता है कि राज्य के सभी विद्यालयों में विभाग द्वारा जारी ”शिक्षक मार्गदर्शिका” उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें ताकि शिक्षकों तक मार्गदर्शिका पहुंच सके एवं उसका अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके. इसी आलोक में शिक्षक मार्गदर्शिका विद्यालयों में उपलब्ध कराया जा रहा है. इस शिक्षक मार्गदर्शिका की भूमिका में कहा गया है कि एक आदर्श शिक्षक मोमबत्ती की तरह होता है वह स्वयं जलकर दूसरों की राह प्रकाशित करता है. विद्यालय शिक्षकों की भूमिका और दायित्वों को पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया है. जिसमे छात्र स्वरूप,विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन के साथ अभिभावक प्रबंधन को भी जोड़ा गया है.
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