आशा के प्रोत्साहन राशि कटौती के आरोपी के खिलाफ जांच कमेटी गठित
आशा कार्यकर्ताओं के धरना-प्रदर्शन के बाद सीएस ने उन पर लगे सभी आरोपों की जांच के लिए चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है.
लखीसराय. जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल में तैनात भ्रष्टाचार व अनिमियतता का आरोप झेल रही बीसीएम के खिलाफ आखिरकार आशा कार्यकर्ताओं के धरना-प्रदर्शन के बाद सीएस ने उन पर लगे सभी आरोपों की जांच के लिए चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है. डॉ बीपी सिन्हा ने शुक्रवार देर शाम बड़हिया रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उमेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है. इसमें हलसी सीएचसी बीसीएम कमलेश कुमार एवं रामगढ़चौक पीएचसी के बीएचएम अरुण कुमार को शामिल किया है. ज्ञात हो 22 अक्तूबर को बड़हिया रेफरल अस्पताल के अधीन कार्यरत आशा कार्यकर्ता ने बीसीएम के खिलाफ जांच की मांग के लिए सेवांजलि के बैनर तले सीएस कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया था. हालांकि संगठन के जिला संरक्षक नागेश्वर यादव के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन के दूसरे दिन ही सीएस डॉ बीपी सिन्हा ने उनकी मांग को मानते हुए आरोपी के खिलाफ जांच का आश्वासन देकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन को समाप्त कराया था. नागेश्वर यादव ने बताया कि बीसीएम के द्वारा समुदाय आधारित विशेष प्रोत्साहन राशि का बकाया सहित अन्य भुगतान करने में अनियमितता बरती जा रही थी. जबकि सेवाकाल के दौरान मृत आशा कार्यकर्ता के परिजन को दी जाने वाली चार लाख राशि का भुगतान एवं सेवानिवृत हो चुकी आशा का भी बकाया प्रोत्साहन राशि भुगतान में भी घालमेल किया जा रहा था. सीएस ने गठित टीम को आशा कार्यकर्ता के चार सूत्री मांग का आवेदन भी समर्पित करते हुए सभी बिंदु पर बारीकी से निष्पक्ष तरीके से जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है, ताकि जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाय.
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