विडंबना: पशु चिकित्सालय में लगा रहता है ताला, नहीं पहुंचते हैं डॉक्टर साहब
शुपालक अपने मवेशियों को औने-पौने भाव में व्यापारियों के पास बेचने को मजबूर हो रहे हैं.
बीमार पशुओं का नहीं हो रहा है इलाज
हलसी. प्रखंड कार्यालय परिसर में अवस्थित पशुपालन विभाग के प्रथमवर्गीय पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक सह प्रभारी डॉ रामानंद प्रसाद एवं पदस्थापित चिकित्सक ने कई दिनों से ड्यूटी में नहीं पहुंच रहे हैं और न ही ताला खुल रहा है. जिससे पशुपालकों के मवेशियों का इलाज नहीं हो पा रहा है. जिससे पशुपालकों के मवेशियों का इलाज नहीं हो पा रहा है. कई बीमार पशु घुट-घुट कर इलाज के अभाव में दम भी तोड़ दे रहे हैं, जिससे गाय, बैल, बकरियां व भैंस जैसे मवेशियां रखने वाले कृषकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर नहीं रहने के कारण पशुपालकों को न ही परामर्श मिल पा रहा है और न ही किसी भी तरह का इलाज. जिस कारण पशुपालक अपने मवेशियों को औने-पौने भाव में व्यापारियों के पास बेचने को मजबूर हो रहे हैं. शुक्रवार को उक्त चिकित्सालय परिसर में पशुओं के इलाज को लेकर कई कृषकों को भटकते हुए देखा गया. पशुओं के इलाज को लेकर पशुपालकों के चेहरे पर काफी मायूसी थी, वे काफी चिंतित दिखाई दिये. इस दौरान पशुपालक अजय सिंह ने बताया कि उनका दो गाय को ठंडी लग गया, जिसको लेकर लगातार तीन-चार दिन से हॉस्पिटल आ रहे हैं लेकिन ताला खुल नहीं रहा है. इलाज के लिए कोई भी सरकारी डॉक्टर की मदद नहीं मिल पायी. जिसके चलते उन्हें झोला-छाप वेटरनरी डॉक्टर के पास दिखाने में अधिक खर्च करना पड़ रहा है लेकिन अभी तक गाय का तबीयत में सुधार नहीं आया है उन्होंने बताया कि हलसी प्रखंड मुख्यालय का पशु चिकित्सालय में कोई भी चिकित्सक नहीं बैठते है. पशु चिकित्सालय के नाम पर सिर्फ यहां खानापूर्ति हो रहा है. वहीं पार्वती देवी ने बताया की गाय की इलाज के लिए पशु चिकित्सालय का कई दिनों तक चक्कर लगायेगी, लेकिन कोई डॉक्टर से मुलाकात नहीं हो पायी. इलाज के अभाव में मेरी गाय बीमार ही है. सरकार के द्वारा पशु चिकित्सालय में विभिन्न प्रकार की दवाइयां, कैल्शियम, कृर्मि की दवा और मिनरल पाउडर व प्रोटीन दी जाती है लेकिन यहां लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. किसानों के मवेशियां जब बीमार पड़ रहे हैं तो उन्हें झोला छाप वेटरनरी डॉक्टर के पास दिखाना पड़ रहा है और वे पशुपालकों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं. वहीं मौके पर उपस्थित किसान एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया की विभाग की घोर लापरवाही के कारण इस पशु चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं बैठे हैं.जबकि यह चिकित्सालय प्रखंड के 82 गांव का इकलौता अस्पताल है, जहां पर सभी गांव के पशुपालकों के मवेशियों का इलाज निशुल्क किये जाने का प्रावधान है. ग्रामीणों ने बताया कि जब यहां प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय सरकार के द्वारा खोला गया था तो लोगों में काफी हर्ष था. खुलने के बाद सही डंग से डॉक्टर ही नहीं बैठ रहे हैं.
बोले चिकित्सक
इस संबंध में डॉ रामानंद प्रसाद बताया कि अस्पताल कर्मी रंजीत कुमार अचानक से बीमार हो जाने के उपरांत हॉस्पिटल बंद है कल से हॉस्पिटल खुल जायेगा. इस संबंध में हलसी प्रखंड प्रभारी सह सीओ अंजली ने बताया कि प्रथम वर्गीय पशु-चिकित्सालय बंद होने का सूचना मिलने पर प्रभारी डॉ रामानंद प्रसाद से फोन से संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका. जांच करते हुए विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
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