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बालिका विद्यापीठ में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जन्माष्टमी का त्योहार

प्रसिद्ध बालिका विद्यापीठ के प्रांगण में सोमवार की देर शाम भव्य तरीके से जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2024 9:33 PM
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लखीसराय. प्रसिद्ध बालिका विद्यापीठ के प्रांगण में सोमवार की देर शाम भव्य तरीके से जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. विद्यालय की मंत्री सुगंधा शर्मा के निर्देशन में पारंपरिक रूप से श्रीकृष्ण जन्म के उपलक्ष्य में गीत-संगीत, नृत्य, नाटक एवं विभिन्न सांस्कृतिक आयामों को मूर्त रूप देकर विद्यार्थियों के व्यंजन शक्ति को परिभाषित करने का यह सक्षम व सफल प्रयास किया जाता रहा है. जिसमें प्रमुख रूप से छात्र-छात्राओं की अभिव्यक्ति को ही प्राथमिकता दी जाती रही है. साथ ही शिक्षक शिक्षिकाएं सहयोगी भूमिका में कार्यक्रम की सफलता को संपोषित कर रहे हैं. इस वर्ष विद्यालय की प्रधानाचार्य कविता सिंह एवं कला संस्कृति के शिक्षक पार्थ सरकार, प्रसाद दास, राधा किशोर मंडल ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर एक सांस्कृतिक समागम का उत्सव सफलतापूर्वक संचालित किया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एसडीओ चंदन कुमार, कला एवं संस्कृति पदाधिकारी मृणाल रंजन, टाउन थानाध्यक्ष अमित कुमार, प्राचार्य कविता सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से मंगलदीप प्रज्वलित कर किया गया. जिसके उपरांत छात्रा सौम्या, अंशु, अंजलि, अदिति, रागिनी, सिमरन, वेनेसा, प्रियदर्शनी एवं प्रेरणा के द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गयी. वहीं अतिथियों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया. वहीं कार्यक्रम के दौरान नटवर नागर श्री कृष्ण के जीवन लीला से जुड़े हुए विभिन्न घटनाओं को लघु नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत कर बच्चों ने बृजनंदन बाबू द्वारा स्थापित बालिका विद्यापीठ को ब्रजभूमि के रूप में जीवंत किया. जिसमें श्रीकृष्ण की भूमिका में साक्षी कुमारी, कंस की भूमिका में सानिया कुमारी, देवकी की भूमिका में अदिति सिंह, सुदामा की भूमिका में रुक्मणी कुमार एवं यशोदा की भूमिका में हंसिका ने बखूबी अभिनय किया. नाटिकाओं की पहली कड़ी देवकी विदाई प्रसंग था. जिसमें अपनी प्यारी बहन देवकी को विदा करते हुए आकाशवाणी सुनकर कंस क्रूरता पर उतर आता है. जिसे उपरोक्त छात्र-छात्राओं ने प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया. वहीं कारागार प्रसंग में श्रीकृष्ण का विषम परिस्थिति में जन्म होना एवं बासुदेव द्वारा उन्हें गोकुल नंद यशोदा के पास पहुंचाया जाना और इस समाचार पाकर कंस उद्वेलित होता दिखाया गया. इन प्रसंगों को अदिति, रूक्मणी, सानिया व अमित ने बेहतर ढंग से निभाया. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के रूप में नंद यशोदा के यहां बढ़ावा नृत्य का आयोजन किया गया, जिसे राजनंदनी, प्रिया, मीनाक्षी, निहारिका, राधिका, अंकिता, रिया सिंह, विद्या रानी और आराध्या ने प्रस्तुत कर लोगों को हर्षोल्लास से भर दिया. वहीं श्रीकृष्ण लीला से जुड़े प्रसंग में मिट्टी खाकर यशोदा को विश्वरूप का दर्शन करना और माखन चोरी जैसे मुख्य प्रसंग को दर्शाया गया. वहीं इसके अनंतर भजन ‘हे गोपाल कृष्ण करूं और लाडला कन्हैया जैसे उलाहना नृत्य कृष्णा हे काहे छेड़े, कजरी नृत्य एवं भाव नृत्य’ का मंच पर सफल आयोजन कर दर्शकों को कृष्णमय कर दिया. वहीं श्रीकृष्ण सुदामा मिलन प्रसंग को मित्रता के मूल्य को स्थापित करने वाला अनूठा उदाहरण को प्रस्तुत किया गया. जिसके बाद प्रिया व खुशी के द्वारा भाव नृत्य ‘एक राधा, एक मीरा’ ने संपूर्ण प्रांगण को अलौकिक भक्तिभाव से भर दिया. जिसके उपरांत विद्यालय के विभिन्न विषयों के उत्कृष्ट छात्रों को मंच पर बुलाकर अतिथियों के द्वारा पुरस्कृत भी किया गया. वहीं ‘तू है मेरा तेरा हूं मैं सांवरे ’ संगीत व रागनियां मल्हार और कथक नृत्य से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन किया गया. कार्यक्रम के दौरान उद्घोषक की भूमिका सुधांशु मिश्रा निभा रहे थे.

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