फाइलेरिया को ले जागरूकता फैलाने जीविका दीदियों ने निकाली रैली
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़हिया प्रखंड में अनमोल सीएलएफ पर 300 से अधिक जीविका दीदियों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलायी गयी.
लखीसराय. स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था पीसीआई के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़हिया प्रखंड में अनमोल सीएलएफ पर 300 से अधिक जीविका दीदियों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलायी गयी. इसकी जानकारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि जीविका के डीपीएम के निर्देश पर सहयोगी संस्था पीसीआई के सहयोग से बड़हिया प्रखंड के गिरधरपुर पंचायत अंतर्गत कार्यरत जिज्ञासा सीएलएफ पर जीविका दीदियों के द्वारा लोगों को फाइलेरिया की दवा खाने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से जागरुकता रैली निकाली गयी. इस अवसर पर पीसीआई के डीएमसी मंजीत कुमार, बीसीएम स्वेता कुमारी, केटीएस दिलीप कुमार और स्थानीय आशा मंजू कुमारी सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है, जिससे व्यक्ति की मौत तो नहीं होती है, लेकिन व्यक्ति का जीवन बहुत ही कठिन और संघर्षपूर्ण हो जाता है. इस बीमारी की वजह से व्यक्ति जीवन भर एक दिव्यांग की जिंदगी जीने को विवश हो जाता है. लखीसराय में विगत 10 अगस्त से एमडीए-आईडीए अभियान की शुरुआत हो चुकी है, जो 10 अगस्त से अगले 17 दिनों तक चलेगा. इसके शुरुआत से 14 दिनों तक आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करवाया जायेगा. वहीं अंतिम के 3 दिनों में सभी स्वास्थ्य केंद्रों सहित सभी स्कूल और कॉलेजों में बूथ लगाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलायी जायेगी. इसके बाद किसी कारण से दवा खाने से वंचित या छूटे हुए लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए एक सप्ताह का मॉप अप राउंड भी चलाया जायेगा.
सभी प्रखंडों में लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं के रूप में तीन प्रकार की दवाओं का कराया जा रहा है सेवन
लखीसराय के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर (वीडीसीओ) गौतम कुमार ने बताया कि विगत 10 अगस्त से जिले भर के सभी प्रखंडों में लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं के रूप में तीन प्रकार की दवाओं का सेवन कराया जा रहा है. इनमें से दो दवाओं अल्बेंडाजोल और डीईसी को उम्र के अनुसार और एक दवा आईवर मैक्टिन को व्यक्ति के लंबाई के अनुसार खिलायी जा रही है, इसके लिए जिले भर में कुल 13 लाख 10 हजार लोगों को दवा खिलाने के लिए कुल 600 टीम और 60 सुपर वाइजर को लगाया गया है. उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है