कजरा सोलर पावर प्लांट: प्रशासन की सख्ती के बाद विरोध कर रहे किसानों का तेवर हुआ नरम
कजरा सोलर पावर प्लांट
निर्माण कार्य में बाधा डालने को लेकर चार लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार 20 जून 2024 को मामले को लेकर 13 लोगों के खिलाफ दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकी गुरुवार को दंडाधिकारी की उपस्थिति में निर्बाध रूप से चला चारदीवारी निर्माण का कार्य फोटो संख्या 06- सोलर पावर निर्माण स्थल. प्रतिनिधि, सूर्यगढ़ा किसानों के विरोध के कारण बुधवार को कजरा में सोलर पावर निर्माण के लिए अधिग्रहित भूखंड में चारदीवारी डालने का कार्य बाधित हो जाने के बाद प्रशासन द्वारा सख्ती बरती गयी. प्रशासन के सख्त रवैया के कारण सोलर पावर प्लांट का विरोध पर किसानों के तेवर नरम पर गये और गुरुवार को निर्बाध रूप से चारदीवारी निर्माण का कार्य किया गया. गुरुवार को कार्यस्थल पर दंडाधिकारी के रूप में सूर्यगढ़ा बीडीओ डॉक्टर अखिलेश कुमार, सीओ स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व में पुलिस बलों की मौजूदगी में शांतिपूर्ण तरीके से चारदीवारी निर्माण का कार्य किया गया. सरकारी कार्य में बाधा डालने को लेकर चार लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार उधर, पीरीबाजार पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा डालने को लेकर बिशनपुर खैरा निवासी, मुन्ना यादव के पुत्र शीतल यादव, बरियारपुर गांव के रामानंद मंडल के पुत्र चंदन कुमार तथा योगपुर खैरा निवासी स्व. वाल्मीकि पासवान के पुत्र गोपाल पासवान एवं इसी गांव के स्व. अर्जुन सिंह के पुत्र रणधीर सिंह को गिरफ्तार किया है. पीरी बाजार थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि वरीय पदाधिकारी के आदेश पर चारों गिरफ्तार लोगों को बंधपत्र बनवाकर मुक्त किया गया है. बता दें कि सरकारी कार्य में बाधा डालने को लेकर मेसर्स नवलेश कुमार की ओर से आनंद कुमार द्वारा 20 जून 2024 को पीरी बाजार थाने में कुल 13 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया गया था. किस बात को लेकर किसानों का है विरोध किसानों का कहना है कि मेगा थर्मल पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए उनकी उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया गया. उन्हें कहा गया था कि मेगा थर्मल पावर प्रोजेक्ट लगने से क्षेत्र में रोजगार का सृजन होगा तथा उनके परिजनों को रोजगार मिलेगा. अब मेगा थर्मल पावर प्रोजेक्ट की जगह सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है. इससे किसान अपने को छला महसूस कर रहे हैं. कुछ किसानों का कहना है कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला. कुआं पेड़ आदि के लिए मुआवजा की राशि नहीं दिया गया. मुआवजा के लेन-देन में बिचौलियों का प्रभाव रहा. वे भोले-भाले किसानों के हिस्से की एक बड़ी राशि डकार गये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है