सरकार की अधिसूचना से खतरे में लखीसराय प्रमुख की कुर्सी

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय एवं बिहार सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद लखीसराय सदर प्रखंड प्रमुख की कुर्सी खतरे में पड़ गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2024 7:03 PM

लखीसराय. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय एवं बिहार सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद लखीसराय सदर प्रखंड प्रमुख की कुर्सी खतरे में पड़ गयी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बीते 12 अगस्त को राज्य सरकार के संयुक्त सचिव रजनीश कुमार ने पत्रांक-11/आ.न्याय 73/2024-12679 साप्र विभाग के आदेश से लखीसराय डीएम सहित सभी विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजकर बिहार सरकार के 01 जुलाई 2015 के संकल्प संख्या 9532 एवं 02 जुलाई के गजट संख्या 723 को निरस्त करते हुए तांती (ततवा) जाति को अनुसूचित जाति की कोटि से वापस कर उसे मूल कोटि अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल कर दिया गया है. इस बीच लखीसराय के डीएम रजनीकांत ने कहा कि सरकार द्वारा जारी अधिसूचना अनुपालन की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. अब तांती (ततवा) जाति के वैसे सभी पदेन एवं सेवारत कर्मी/पदाधिकारी, जो राज्याधीन सेवाओं में अनुसूचित जाति कोटि के विरूद्ध कार्यरत हैं, अत्यंत पिछड़ा वर्ग कोटि में स्थानांतरण के फलस्वरूप उत्पन्न रिक्ति के विरूद्ध अनुसूचित जाति के अंतर्गत पदों को भरने के लिए बैकलॉग के रूप में विभागवार यथास्थिति विशेष भर्ती अभियान की कार्रवाई की जायेगी. विदित हो लखीसराय सदर प्रखंड के प्रमुख पद पर तांती (ततवा) जाति की महिला पदासीन हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और राज्य सरकार के इस अधिसूचना के बाद वह अत्यंत पिछड़ा वर्ग में वापस चली गयी, ऐसी परिस्थिति में प्रमुख पद को अनुसूचित जाति के लिए रिक्त करना अनिवार्य हो गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version