हत्यारोपी मामले में आजीवन कारावास की सजा

हत्यारोपी मामले में आजीवन कारावास की सजा

By Prabhat Khabar News Desk | September 5, 2024 10:07 PM

एडीजे द्वितीय कोर्ट के द्वारा सुनायी गयी सजा

किऊल थाना कांड संख्या 78/21 का मामला

आजीवन कारावास के साथ 25 हजार रुपये का लगाया गया अर्थदंड

लखीसराय

व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय नरेंद्र कुमार यादव की कोर्ट ने गुरुवार को हत्या के एक मामले में एकमात्र आरोपित आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही कोर्ट ने हत्यारोपित को 25 हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा सुनायी है. अर्थदंड नहीं दिये जाने की स्थिति में छह माह अतिरिक्त सजा का प्रावधान रखा गया है. इस संबंध में अपर लोक अभियोजक दिनेश कुमार मंडल ने बताया कि किऊल थाना कांड संख्या 78/21 तथा सेशन 52/22 में कोर्ट द्वारा हत्यारोपी प्रह्लाद मांझी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. उन्होंने घटना का जिक्र करते हुए कहा कि घटना के सूचक सह नरसूडीह निवासी बानो मांझी का पुत्र फंटू मांझी के अनुसार विगत चार अगस्त 2021 को उसके पिता बानो मांझी मोहनकुंडी नदी किनारे गाय चराने के लिए गये थे. इसी दौरान दिन के 10:45 बजे गांव का कुछ बच्चा हल्ला करते हुए गांव आया और बताया कि बानो मांझी को प्रह्लाद मांझी लाठी से मार दिया और डगरा आहर में फेंक दिया. जिसे सुनने के बाद गांव के लोगों के साथ वह भी देखने गया तो प्रह्लाद मांझी लाठी लेकर भाग रहा था. वहीं वह अपने पिता को गिरा अवस्था में देखा, जिनका सिर फटा हुआ था और शरीर खून से लथपथ था. उन्हें जीवित समझकर प्राइवेट डॉक्टर के यहां लेकर पहुंचने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. एपीपी मंडल ने बताया कि मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाहों की गवाही करायी गयी. जिसमें विचारण के बाद न्यायालय ने प्रहलाद मांझी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है साथ ही 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा का प्रावधान किया गया. वहीं अर्थदंड नहीं दिये जाने की स्थिति में छह माह की अतिरिक्त सजा का भी प्रावधान रखा गया. सजा सुनाने के दौरान कोर्ट में अभियोजन पक्ष से दिनेश कुमार मंडल व अभियुक्त पक्ष से डालसा के द्वारा नियुक्त मुख्य विधि सलाहकार प्रजापति झा मौजूद थे.

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