24 घंटे एमबीबीएस चिकित्सक व एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग
बड़हिया. रेफरल अस्पताल बड़हिया में मरीजों के चिकित्सकीय सुविधा तौर एंबुलेंस का घोर अभाव से मरीजों को हो रही मौत से बढ़ते जन आक्रोश और रेफरल अस्पताल की कुव्यवस्था के खिलाफ बुधवार को रेफरल अस्पताल परिसर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों ने एक दिवसीय धरना दिया. इस मौके पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अमरेश कुमार अनीश में कहा कि स्वास्थ्य विभाग की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण रेफरल अस्पताल बड़हिया में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है. एंबुलेंस और चिकित्सकों की अनुपलब्धता के कारण दुर्घटना ग्रस्त मरीजों की लगातार मौत हो रही है. 14 दिसंबर को सड़क दुर्घटना के शिकार दिव्यांश कुमार और अंशु कुमार के लिए भी एंबुलेंस की सुविधा तत्काल उपलब्ध नहीं हुई. दिव्यांश कुमार को मूल और अंशु कुमार को घंटों बाद रेफर किया गया. वहीं 15 दिसंबर को रेल दुर्घटना के शिकार सुमन कुमार की मृत्यु रेफरल अस्पताल बड़हिया में चिकित्सकीय सुविधा का घोर अभाव और तत्काल एंबुलेसं नहीं होने के कारण अधिक रक्त बहने से उसकी मृत्यु हो गयी. रेफरल अस्पताल के चिकित्सक गंभीर मरीजों को रेफर की पर्ची थमाकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं. जो अनुचित ही नहीं बल्कि गंभीर मरीजों की जिंदगी के साथ मजाक ही है. निर्धारित रोस्टर के अनुरूप चिकित्सको की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो. वहीं जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन तैयार किया गया. जिसमें अस्पताल प्रबंधन के कुव्यवस्था के कारण मृतकों के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा दिये जाने की मांग की. साथ ही कहा गया कि 24 घंटा रेफरल अस्पताल में कम से कम एक एमबीबीएस चिकित्सक की उपस्थिति आवश्यक होनी चाहिए. सिर्फ आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सक के भरोसे अस्पताल को नहीं छोड़ा जाय. 24 घंटे एंबुलेंस की उपलब्ध हो. रेफरल अस्पताल में 24 घंटा डॉक्टर, कंपाउडर, ईसर, नर्स आदि के नाम का रोस्टर बनाकर सूचना पट पर लगाया जाय.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है