मेदनीचौकी. सूर्यगढ़ा-मुंगेर एनएच 80 सड़क को जोड़ने वाली आठ किलोमीटर लंबी मिल्की-अभयपुर सड़क प्रत्येक वर्ष बाढ़ के पानी में डूब जाती है. जिससे दो-तीन माह तक उक्त सड़क पर आवागमन ठप पड़ जाता है. इस सड़क से पीरीबाजार और एनएच साइड के आधा दर्जन से अधिक गांव के 50 हजार की आबादी का आवागमन होता है. इन गांवों के दर्जनों लोगों ने बताया कि किऊल नदी में बाढ़ का पानी बढ़ने से प्रशासन के आदेशानुसार गोंदरी के फाटक को खोलने के कारण टाल क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैल जाता है, जिससे टाल के साथ-साथ मिल्की-अभयपुर सड़क भी लेवल में नहीं बने होने के कारण प्रत्येक वर्ष डूब जाता है. सड़क डूबने के कारण और अधिक जर्जर हो जाता है. राहगीरों ने कहा कि विभाग द्वारा सड़क निर्माण के समय ही लेवल लेकर सड़क का निर्माण करता तो प्रत्येक साल बाढ़ में सड़क डूबने की नौबत नहीं आती. सरकार का लाखों रुपये निर्माण में भी खर्च हो गया और थोड़ी सी लापरवाही के कारण बाढ़ में सड़क डूबने की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है. यहां के लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण में लापरवाही कर इस क्षेत्र के लोगों के सुविधाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है.
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