भारत बंद का लखीसराय में दिखा मिला-जुला असर
दलित संगठनों द्वारा आरक्षण में उप वर्गीकरण के विरोध में भारत बंद आह्वान का लखीसराय में मिला-जुला असर देखने को मिला.
लखीसराय. दलित संगठनों द्वारा आरक्षण में उप वर्गीकरण के विरोध में भारत बंद आह्वान का लखीसराय में मिला-जुला असर देखने को मिला. कई क्षेत्रों में बंद समर्थकों ने रोड पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने का कार्य किया. जिला मुख्यालय शहीद द्वार पर आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले मोर्चा के जिलाध्यक्ष रवींद्र कुमार एवं बसपा के जिला अध्यक्ष मनोज कुमार के नेतृत्व में सड़क जाम करने का शुरुआत किया गया तो उनके समर्थन में जिला कांग्रेस अध्यक्ष अमरेश कुमार अनीश, जिला राजद अध्यक्ष कालीचरण, उरैन पंचायत के पंसस प्रतिनिधि संतोष गुप्ता आदि भी शामिल हुए. इस सड़क जाम को लेकर वाहन परिचलन पर असर देखा गया, लेकिन परीक्षा को लेकर प्रदर्शनकारियों ने भी ढिलाई दे रखी थी. इसके अलावा कजरा के अरमा मोड़, सूर्यगढ़ा प्रखंड एनएच 80 पर मानुचक, निस्ता के पास भी सड़क जाम और प्रदर्शन की खबरें हैं. हालांकि भारत बंद के आह्वान को देखते हुए जिला प्रशासन के साथ-साथ रेल प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखा. स्थानीय प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद सड़क जाम हटाने के बाद मोर्चा एवं बसपा के लोग जिला समाहरणालय पहुंचकर पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के द्वारा राष्ट्रपति को संबोधित एक मांग पत्र जिलाधिकारी रजनीकांत के हाथों में सौंपा गया. उनकी मांगों में शामिल प्रमुख रूप से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससीएसटी आरक्षण में उप वर्गीकरण एवं क्रीमिलेयर संबंधित फैसले पर रोक, दोनों सदन से आरक्षण संशोधन बिल पास करा एवं एससीएसटी एक्ट निवारण अधिनियम 1989 एवं नियमावली 1995 को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने, न्यायापालिका में कोलोजियम प्रणाली को समाप्त कर खुली प्रतियोगिता के द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति, जाति एवं आर्थिक गणना करा वंचित समूह को चिन्हित कर विशेष सहायता देने, भूमिहीन एवं घुमंतु परिवार को चिन्हित कर वासगीत पर्चा दे पुनर्वासित करने, एससीएसटी के बैकलॉग के रिक्त पदों को विशेष भर्ती अभियान चलाकर भरने, यूपीएससी द्वारा उच्चतर पदों पर लेटरल इंट्री के द्वारा दिये जा रहे बहाली पर रोक लगाने, प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था, एससीएसटी अत्याचार से संबंधित न्यायालय में लंबित मुकदमों का त्वरित निष्पादन, दो अप्रैल 2018 में एससीएसटी लोगों पर हुए मुकदमा वापस लेने, आरटीआई के तहत प्राईवेट स्कूलों में एससीएसटी बच्चों का नामांकन नियमानुसार कराने, दलितों एवं गरीब परिवारों को बेघर करने पर रोक, घड़ल्ले से सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनियों का नीजीकरण कर एससीएसटी वर्ग को आरक्षण से बंचित करने के प्रावधान पर रोक, ठेकेदारों पट्टेदारों में आरक्षण का प्रावधान, शिक्षा बजट में आनुपातिक बढ़ोतरी, विशेष अंगीभूत योजना को एससीएसटी एक्ट के तहत कानून बनाकर संविधान की 9वीं अनुसूचि में शामिल करने की मांग शामिल है. डीएम को ज्ञापन सपने वाले नेताओं में मोर्चा एवं बसपा के जिला अध्यक्ष के साथ बसपा नेता अशोक दास, पवन कुमार, संतोष गुप्ता शामिल थे. जबकि सड़क जाम प्रदर्शन के दौरान पवन दास, युवा नेता अशोक दास, बसपा जिला प्रभारी सुभाष पासवान, बालेश्वर पासवान, धमेंद्र दास, दयानंद दास इंजीनियर, सुरेश, रामबालक दास, प्रकाश दास, प्रमोद दास, पप्पू दास, रंजीत कुमार, सुरेंद्र रजक, चंदन दास, दिलीप रजक, अभिनव भारती, अविनाश कुमार, रणवीर पासवान, उत्तम पासवान, महेश रजक, राजन रजक, संतोष गुप्ता, मनोज दास, राजेश कुमार, दिनेश दास, महेंद्र दास आदि की भूमिका सराहनीय रही.
मानुचक गांव के पास एनएच 80 को किया जाम
सूर्यगढ़ा. सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर और कोटा के भीतर कोटा लागू करने के फैसले के खिलाफ दलित आदिवासी संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का सूर्यगढ़ा क्षेत्र में मिला-जुला असर देखा गया. बंद समर्थकों ने सूर्यगढ़ा नगर परिषद क्षेत्र के मानुचक गांव के समीप एनएच 80 को पूर्वाह्न 10:30 बजे से अपराह्न 2:30 बजे तक जाम रखा. इधर, बंद समर्थक अपराह्न तीन बजे के करीब सूर्यगढ़ा बाजार में शहीद स्मृति चौक के समीप बैरिकेडिंग कर एनएच 80 को जाम कर दिया. हालांकि पुलिस के तत्परता के बाद 30 मिनट के भीतर ही यहां जाम को हटा दिया गया. अरमा गांव के समीप भी बंद समर्थकों ने जन आक्रोश मार्च निकाला तथा कजरा-सूर्यगढ़ा पथ को जाम कर दिया. सूर्यगढ़ा बाजार में बंद का आंशिक असर ही देखा गया. दुकानें सामान्य दिनों की भांति ही खुली रही. बंद को लेकर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद नजर आयी.लखीसराय-सिकंदरा मुख्य मार्ग को आंबेडकर चौक के समीप किया गया बाधित
हलसी. अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था. जिसे लेकर बुधवार को हलसी में मिला जुला असर दिखा. बंद समर्थक सड़कों पर नारेबाजी करते दिखे. इस दौरान हलसी के आंबेडकर चौक पर लखीसराय-सिकंदरा मुख्य मार्ग को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पदाधिकारी के गाड़ी को भी रोक रखा एवं आमजनों को आने जाने के यातायात साधनों को बाधित रखा. हालांकि बाद में पदाधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद जाम को हटाया गया. वहीं भारत बंद को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट रहा. विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी व्यापक कदम उठा रहे थे.
रोड जाम होने के कारण वाहनों की आवाजाही पर पड़ा असर
कजरा. देशभर में बुधवार को भारत बंद के आह्वान का असर कजरा में भी देखने को मिला. जगह जगह रोड जाम होने के कारण वाहनों का आवाजाही पर काफी असर पड़ा. जिससे कजरा से सूर्यगढ़ा आने जाने वाले लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं इसकी मार स्कूली बच्चे को भी झेलनी पड़ी. कजरा के अरमा व दुर्गा स्थान के पास धरना देने के कारण सूर्यगढ़ा व लखीसराय आनेजाने वाले को काफी परेशान होना पड़ा. टोटो व ऑटो नहीं चलने के कारण ट्रेन से उतरने के बाद लोगों को पैदल सफर करना पड़ा. वहीं स्कूली बच्चे को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ा. क्योंकि स्कूल वाहन नहीं चलने के कारण बच्चे को रोड के किनारे पैदल चलकर कुछ दूरी तय करने के बाद स्कूल द्वारा वाहन की व्यवस्था कर अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया. सुधीर पासवान, महेश्वर पासवान, रेणु देवी, अशोक पासवान, फंटूश दास के अलावे दर्जनों लोगों द्वारा जाम का समर्थन किया गया.भारत बंद पर लोगों ने किया प्रदर्शन
बड़हिया. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की ओर से बुधवार को देशभर में बंद का ऐलान किया गया था. समिति ने आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में यह कदम उठाया है. हालांकि बड़हिया के बंद का असर नहीं देखा गया. बड़हिया नगर व प्रखंड क्षेत्र में बाजार सामान्य दिनों की तरह खुले रहे. बड़हिया बाजार में भारत बंद के आवाह्न के बावजूद अन्य दिनों के भाती बुधवार को बड़हिया बाजार में कम चहल पहल रही. हालांकि बंदी को लेकर सुभाष पासवान के नेतृत्व में सैकड़ो की संख्या में लोग एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया. गंगासराय से प्रदर्शनकारी हांथो में बैनर एवं नारे लिखे तख्तियां लेकर पैदल रामनगर, चुहरचक, इंदुपुर, कृष्णा चौक, बड़हिया बाइपास होते हुए अंचल सह प्रखंड कार्यालय बड़हिया पहुंचा. जहां राष्ट्रपति के नाम लिखा ज्ञापन अंचलाधिकारी बड़हिया को सौंपा गया. मौके पर सुभाष पासवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है. संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है. मौके पर अवधेश पासवान, धर्मेंद्र पासवान, वकील पासवान, लक्ष्मण रजक, कुंदन पासवान, प्रेमदास, कमलेश मांझी, लक्ष्मण पासवान, रौशन पासवान सहित कई लोग मौजूद थे.
भारत बंद से मेदनीचौकी की सड़कें रहीं सुनसान
मेदनीचौकी. बुधवार को एससी-एसटी आरक्षण के सुप्रीम के फैसले के विरोध में भारत बंद का मेदनीचौकी में भी असर दिखा. बंशीपुर के मुखिया अश्वनी कुमार ने बताया कि एससी-एसटी आरक्षण को लेकर मेदनीचौकी बाजार की सड़कें सुनसान सुबह से वाहनों के आवागमन पर विराम लगा रहा. समाजसेवी अमरदीप कुमार ने बताया कि मेदनीचौकी बाजार में दुकानें खुली रही. आरक्षण के विरोध में यहां जाम नहीं किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है