हलसी. आजकल खेती की भूमि बंजर हो रही है. जिसके कारण लोगों में रोग अधिक हो रहा है. इसका एकमात्र कारण खेतों में अधिक मात्रा में उर्वरक व कीटनाशक का प्रयोग है. पंजाब में आज खेती की भूमि बंजर हो रही है. वहीं वहां के लोगों में कैंसर का रोग अधिक हो रहा है. इसका एकमात्र कारण खेतों में अधिक मात्रा में उर्वरक व कीटनाशक का प्रयोग है. अगर इसपर रोक नहीं लगायी गयी तो आने वाले समय में यहां का भी यही हाल होगा. उक्त बातें सोमवार को प्रखंड स्थित ई-किसान भवन परिसर में कृषकों को संबोधित करते हुए जिला से आये उप परियोजना निदेशक आत्मा संजीव कुमार ने कही. मौका था खरीफ महाभियान सह प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण का. जिसमें कहा कि जैविक खेती खेतों की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखती है. वहीं इसका कोई दुष्प्रभाव सेहत व स्वास्थ्य पर नहीं पड़ता है. इसलिए कम से कम कीटनाशक व उर्वरक का इस्तेमाल करें. यह सबके भले के लिए है. मौके पर बीएओ अरविंद कुमार ने कहा कि खरीफ फसलों में मुख्य रूप से धान के लिए बीज खेतों में गिराने का कार्य जारी है. कुछ दिनों के अंतराल के बाद बिचड़े तैयार होंगे. जिसकी रोपनी खेतों में होगी. पर कई किसान इसकी अभी से रोपनी में लगे हैं. इसके लिए काफी पहले ही बीज खेतों में गिरा दिया गया था. पनवट पंप सेट से कराकर रोपाई की तैयारी चल रही है. कहा कि समय से पहले रोपनी कर देने से ऐसा नहीं है कि धान का उत्पादन बढ़ जायेगा. यही स्थिति देरी करने पर भी है. इसलिए धान या किसी फसल के लिए हड़बड़ी करना ठीक नहीं है. इससे खेती में लागत अधिक आयेगी. पर फायदा अधिक नहीं होगा. किसी भी फसल के लिए समय का प्रबंधन जरूरी है. कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा चलायी जाने वाली योजनाओं पर भी चर्चा की गयी. कृषकों ने खेती के दौरान आने वाली समस्याओं को भी उठाया. जिसका निराकरण किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरविंद कुमार ने किया. वहीं कार्यक्रम उद्घाटन फूल के माला पहनाकर एवं पौधा देकर किया गया. उप निदेशक आत्मा संजीव कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र हलसी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ शंभू राय, कृषि विज्ञान केंद्र हलसी के वरीय वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार चौधरी, कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ विनोद कुमार, प्रखंड उद्यान प्रभारी ललन कुमार, कृषि समन्वयक श्याम कुमार, निरंजन कुमार, अमित कुमार, किसान लेखापाल पंकज कुमार, पूर्व आत्मा अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा एवं हलसी प्रखंड से आये दर्जनों किसान इस कार्यक्रम में शामिल थे.
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