चार साल पूरे होने के बावजूद संग्रहालय नहीं ले पाया पूर्ण आकार

एनएच 80 लखीसराय -पटना सड़क मार्ग में अशोक धाम मोड़ के पास 35.8 करोड़ की लागत से डेढ़ एकड़ में बिहार का दूसरा सबसे बड़ा विश्वस्तरीय संग्रहालय का निर्माण कार्य अभी भी जारी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 8, 2024 6:03 PM

आठ अगस्त 2020 को संग्रहालय निर्माण कार्य किया गया था शुरू,

पेडेस्टल पर मूर्ति अधिष्ठापन का कार्य शुरू, एक माह में पूर्ण करने का दावा,

डीएम रजनीकांत ने निरीक्षण कर शीघ्र कार्य निष्पादन का दिया था निर्देश,

लखीसराय. एनएच 80 लखीसराय -पटना सड़क मार्ग में अशोक धाम मोड़ के पास 35.8 करोड़ की लागत से डेढ़ एकड़ में बिहार का दूसरा सबसे बड़ा विश्वस्तरीय संग्रहालय का निर्माण कार्य अभी भी जारी है. बौद्ध धर्म एवं भगवान बुद्ध की आकृति उकेरी गयी भव्य इमारत,ऑडिटोरियम आदि का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. जिसमें इंडोर थियेटर व आउटडोर थियेटर का भी निर्माण किया गया है. पेडस्टल व शो केस निर्माण को लेकर विलंब हो रहा था. परंतु अब एक से दो माह के अंदर आम लोगों के बीच प्रस्तुत कर देने का दावा किया गया है. इस संग्रहालय में पेडेस्टल के सहारे जिले के विभिन्न हिस्सों से मिले पुरातात्विक मूर्तियों को रखने का कार्य शुरू हो गया है. बताते चलें कि 8 अगस्त 2020 को सीएम ने संग्रहालय के निर्माण कार्य का शिलान्यास कर कार्य शुरू कराया था. निर्माण कार्य शुरू हुए आज पूरे चार वर्ष होने के बावजूद अभी भी संग्रहालय पूर्ण आकार नहीं ले पाया है. जानकारी के अनुसार 25 नवंबर 2017 को लाली पहाड़ी पर खुदाई कार्य का शुभारंभ करने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार के समक्ष पुरातात्विक अवशेषों के संरक्षण के लिए संग्रहालय निर्माण की मांग उठी और सीएम ने आश्वासन भी दिया. पुनः 30 अप्रैल 2018 में लाली पहाड़ी पर खुदाई के कार्य एवं निकले अवशेष का अवलोकन करने पहुंचे तो बौद्ध महाविहार का विस्तृत भग्नावशेष व पुरातात्विक महत्व की बरामद अनेक चीजें जिसे संजोकर रखने के लिए आवश्यक संग्रहालय निर्माण का निर्देश जारी हुआ. जिसके बाद भवन निर्माण निगम से संवेदक बहाल कर संग्रहालय का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, जिसके बाद वर्ष 2022 जून में ही एजेंसी के द्वारा संग्रहालय भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया था. जबकि विगत पांच जून 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा ऑनलाइन संग्रहालय भवन का उद्घाटन भी कर दिया गया, परंतु पेडेस्टल एवं शोकेस के निर्माण को लेकर या आम लोगों के बीच प्रस्तुत नहीं किया जा सका था. इसके लिए मेसर्स रंजीत राय कंपनी को अलग से एक करोड़ 10 लाख की लागत से पेडस्टल व शोकेस निर्माण करने के लिए अधिकृत कर दिया गया. जिसके बाद 25 अप्रैल से ही कंपनी के द्वारा इसका निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. संग्रहालय के बेसमेंट में इसका निर्माण कार्य किया गया. कुल 218 पेडस्टल व 26 शोकेस का निर्माण किया गया है. संग्रहालय अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार यादव के अनुसार पेडस्टल व शोकेस का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद जिला समाहरणालय में रखी गयी मूर्तियों को पेडेस्टल का सहारा दिया जा रहा है. डॉ यादव के अनुसार एक माह के अंदर संग्रहालय को आम जनता के बीच प्रस्तुति के लिए उपलब्ध हो जायेगा. श्रावणी मेला की तैयारी को लेकर पहुंचे डीएम रजनीकांत द्वारा इसका भी निरीक्षण किया गया था. डीएम के अनुसार कार्य शीघ्र पूरा करने को लेकर निर्देशित किया गया है. पूर्ण रूपेण संग्रहालय को चालू करने से पूर्व पेडस्टल व शोकेस में मूर्तियों को सुसज्जित करने का कार्य किया जा रहा है. जिसमे अशोक धाम परिसर में स्थित अस्थायी संग्रहालय में रखी मूर्तियों व अन्य पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं को संग्रहालय में शिफ्ट कर दिये जाने की योजना है.

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