राष्ट्रीय गुणवत्ता यकीन मानक, एनक्यूएएस को मिलेगी सर्वोच्च प्राथमिकता
राष्ट्रीय गुणवत्ता यकीन मानक, एनक्यूएएस को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उसकी समीक्षा की गयी.
लखीसराय. जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक शनिवार को समाहरणालय को डीडीसी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई. जिसमें राष्ट्रीय गुणवत्ता यकीन मानक, एनक्यूएएस को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उसकी समीक्षा की गयी. जिसके तहत जो भी एनक्यूएएस अवयव हैं, जिसमें शून्य स्कोर प्राप्त हुआ है. उस विभाग के संबंधित पदाधिकारी और स्टाफ नर्स को निर्देशित किया गया कि अस्पताल में 15 जून तक सभी संभव शून्य वाले अवयवों का अनुपालन करते हुए राज्य स्तरीय मूल्यांकन के लिए 25 जून तक आवेदन कराना सुनिश्चित किया जाय. एनक्यूएएस के रिव्यु के क्रम में यह पता चला है कि सदर अस्पताल के नाले इत्यादि में उड़ाही का कार्य नहीं हुआ है. जिसके कारण हमेशा पानी का जमाव बना रहता है. जिसका निकास हेतु नगर परिषद से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य कराना सुनिश्चित करें. जिला प्रशाशन अपने स्तर से सहयोग करते हुए नाली उड़ाही का कार्य संपूर्ण करायेंगे. एनक्यूएएस को लेकर डीएम के द्वारा निदेशित किया गया कि एनक्यूएएस के मद्देनजर जहां-जहां पेड़ पौधे लगाये जाने हैं. उसका माइक्रोप्लान बना सिविल सर्जन को सौंपा जाय. ताकि संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य कराया जाय. इस कार्य को 15 जुलाई या बरसात के मौसम में करने का निर्देश दिया गया. गैर संचारी रोग की समीक्षा में पाया गया कि सभी आशा को शत प्रतिशत एनसीडी पोर्टल पर ऑनलाइन करना है और सभी आशा की ट्रेनिंग के बाद इसे पूर्ण रूप से संपादित कराया जाय. नहीं करने वाली आशा की सूची उपलब्ध करायी जाय. इसके साथ ही स्क्रीनिंग डाटा की समीक्षा में बताया गया कि अगले महीने से सभी स्क्रीनिंग के दौरान उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह के डाटा लक्ष्य के साथ प्रस्तुत किया जाय. ताकि इसकी गहन समीक्षा की जाय. टीबी की समीक्षा में ये बताया गया कि टीबी का टारगेट दोगुना हो गया है. सभी संस्थान के लिए सभी सीएचओ एवं सभी एचडब्ल्यूसी पर टीवी के संभावित मरीज का स्पटम कलेक्ट करते हुए निर्धारित तिथि को कूरियर के माध्यम से सबसे पहले अपने मुख्यालय को भेजा जाय और वहां स्पटम की जांच करते हुए जो भी फलाफल प्राप्त हो उससे डीएम को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है. डीडीसी के द्वारा दवा की उपलब्धता की समीक्षा की गयी. जिसमें निर्देश दिया गया सभी स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक ईपीएल के अनुसार शत प्रतिशत दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए दवा की पूर्ति कराना सुनिश्चित करें. साथ ही निर्देशित किया गया कि बीएमएसआइसीएल से जिस दवा का रेट कांट्रैक्ट नहीं है उसका बीएमएसआइसीएल के पोर्टल से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर के दवा की खरीदारी करना सुनिश्चित करें. साथ ही डीडीसी के द्वारा कड़ी चेतावनी दी गयी कि जिस संस्थान में 70 प्रतिशत से कम दवा है. उस संस्थान को कारण पृच्छा करने का निर्देश दिया जाय. साथ ही सभी सभी संस्थान के फार्मासिस्ट को जवाबदेही निर्धारित की गयी कि जिस संस्थान में दवा की उपलब्धता कम होगी वहां के जिम्मेवार फार्मासिस्ट होंगे. साथ ही सभी संस्थान के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आदेशित किया गया कि अब से सभी मीटिंग में सभी संस्थान के फार्मासिस्ट भी भाग लेंगे. बैठक में सीएस बीपी सिन्हा, डीपीएम सुधांशु नारायण लाल, डीआईओ अशोक कुमार भारती समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.
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