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विकास के रास्ते पर चलना है तो परिवार नियोजन अपनाना जरूरी

जहां लोग परिवार नियोजन के अंतर को नहीं समझ पा रहे हैं, वहां अनचाहे गर्भ धारण का खतरा हमेशा बना रहता है.

लखीसराय. कहते हैं अगर परिवार छोटा हो तो हर तरह के विकास का रास्ता तय करना संभव हो जाता है, इसके लिए जरूरी है परिवार नियोजन के रास्ते के विकल्प को चुनना. जरूरी है समय के अनुसार विकल्प को अपनाना, पर जिले के वैसे क्षेत्रों में जहां आमजनों को आवागमन के लिए पैदल ही रास्ता तय करना है. उन क्षेत्रों में समुदाय के लोग आज भी इस साधन के अंतर को नहीं समझ पा रहे हैं. इसके लिए जरूरी उपाय करना है, ताकि समुदाय के इस अंतिम पायदान तक बैठे लोगों को भी हम इस अंतर को समझा सकें एवं आवश्कता अनुसार लोग परिवार नियोजन के विकल्प को अपनाकर अपना जीवन सुखमय कर सकें.

एसीएमओ डॉ अशोक कुमार भारती कहते हैं जहां लोग परिवार नियोजन के अंतर को नहीं समझ पा रहे हैं, वहां अनचाहे गर्भ धारण का खतरा हमेशा बना रहता है. जिसके फलस्वरूप जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ मातृ-शिशु मृत्यु-दर का खतरा भी बढ़ जाता है. इसलिए लोगों में इस फर्क को समझाने के लिए आशा जब भी गृह-भ्रमण करतीं हैं तो वो इस अंतर को सुदूर क्षेत्रों में सतघरवा, जानकीडीह के साथ मजनवा एवं अन्य सुदूर इलाके में समुदाय को विस्तार से समझाती हैं.

समुदाय को जागरूक करना जरूरी

डॉ भारती इस आशय में बताते हैं कि जिले के सुदूर इलाके में जब भी नियमित टीकाकरण के लिए जायें तो वो टीकाकरण सत्र-स्थल पर धातृ महिलाओं के बीच परिवार नियोजन के दोनों साधन के बारे में जानकारी देकर जागरूक करें. साथ ही ऐसी जगहों पर स्वास्थ्य टीम समुदाय के बीच जाकर चर्चा करे, जहां पंचायत-प्रतिनिधि की भी सहभागिता हो, इस बता का भी ध्यान रखा जा रहा है, क्योंकि अगर उनके प्रतिनिधि उनके साथ रहेंगे तो उस समुदाय को किसी भी बात को समझा पाना ज्यादा कठिन नहीं होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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