चानन. किऊल-झाझा रेलखंड पर झाझा से पटना जाने वाली ईएमयू पैसेंजर ट्रेन से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. एक वृद्ध जो नग्न अवस्था में पड़ा हुआ था, जिसे सहारा की जरूरत थी लेकिन किसी ने उसे सहारा नहीं दिया. वृद्ध अपनी जिंदगी की आखिरी सांसें गिन रहा है, वह ट्रेन में कितने दिनों से पड़ा है, किसी को पता नहीं. जिस ट्रेन में वह पड़ा है, उस डिब्बे में न जाने कितने लोग उतरे व चढ़े होंगे, लेकिन किसी ने उसे सहारा नहीं दिया, न ही किसी पुलिस कर्मी को सूचना दी गयी. जिस स्थान पर वह लेटा हुआ था, उसी स्थान पर शौच भी कर दिया था, उसके पास इतनी ऊर्जा नहीं कि वह किसी से मदद मांग सके. रेल प्रशासन जितना भी दावा करे कि ट्रेन में सफर करने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार कि कोई कठिनाई न हो, लेकिन इसे देखने के बाद ऐसा लगता है कि सभी कोरा कागज साबित हो गया है. इनकी हालत देख कर ऐसा लगता है कि वह वृद्ध आदमी कई दिनों से ट्रेन में पड़ा है और कितने स्टेशन से होकर गुजरता चला गया, लेकिन किसी भी पुलिस कर्मी की उसपर नजर नहीं पड़ी. शायद ऐसा हो सकता है कि उसे देख कर भी अंजान बनते हैं, यह सिर्फ आने-जाने वालों को देखता रहता है.
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