160 में से सिर्फ 11 निजी विद्यालय कर रहे पोर्टल पर बच्चों की इंट्री
प्राथमिक शिक्षा के निदेशक विनोद कुमार सिंह द्वारा शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के साथ समीक्षात्मक बैठक कर विभिन्न दिशा-निर्देश दिया गया.
लखीसराय. जिला समाहरणालय परिसर में स्थित एनआइसी के सभागार में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा के निदेशक विनोद कुमार सिंह द्वारा शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के साथ समीक्षात्मक बैठक कर विभिन्न दिशा-निर्देश दिया गया. जिसमें मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर चर्चा हुई. शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत आरक्षित वर्ग के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा देने के लिए नामांकन पर जोर दिया गया. इसके लिए निर्धारित ज्ञानदीप पोर्टल पर अपलोड किये गये बच्चों के आवेदन को विद्यालय द्वारा शीघ्र वेरीफाई करने की आवश्यकता जतायी गयी. लखीसराय जिला में 112 बच्चे का आवेदन अभी भी पेंडिंग पड़ा हुआ है. जबकि प्रथम चरण में विद्यालय स्तर पर वेरीफाई किये गये कुल 363 आवेदनों में से भी प्रखंड स्तर पर अभी भी 130 आवेदन पेंडिंग है. इसे शीघ्र अभिभावक से संपर्क कर अभिलेख प्राप्त कर ऑनलाइन वेरीफाई करने का निर्देश दिया गया. वैसे कमजोर वर्ग एवं अलाभकारी समूह के बच्चे जो निजी विद्यालय में निःशुल्क पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए पोर्टल को द्वितीय चरण में 22 जुलाई से 31 जुलाई तक खोल अप्लाई करने का मौका प्रदान किया गया है. जिले में चल रहे सभी निजी विद्यालयों को शीघ्र ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीकरण करवाने का भी निर्देश दिया गया ताकि आरटीई के मानक को पूरा करने वाले विद्यालयों में गरीब, अलाभकारी समूह के बच्चे अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके. साथ ही सभी बच्चों को आवश्यक रूप से ई-शिक्षकोष पोर्टल पर अपलोड करने के लिए निजी विद्यालयों को निर्देशित किया गया. कोई भी बच्चे ई-शिक्षकोष पर अपलोड होने से वंचित न रहें, इसके लिए सभी बच्चों का आधार कार्ड बनवाने पर जोर दिया गया. इससे निजी विद्यालय एवं सरकारी विद्यालयों में बच्चों के दोहरीकरण पर अंकुश लगेगा. बच्चा किसी एक ही विद्यालय में नामांकित हो इसके लिए आधार सीडिंग करवाना अनिवार्य किया गया है. अगर किसी बच्चे का सरकारी या निजी विद्यालय में आधार फीड है तो दूसरे किसी भी विद्यालय में आधार फीड नहीं होगा. इससे पूरी तरह दोहरीकरण पर विराम लग जायेगा. समग्र शिक्षा अभियान के डीपीएम दीप्ति के अनुसार ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर मात्र वर्तमान में सिर्फ 11 निजी विद्यालय द्वारा ही बच्चों की इंट्री प्रारंभ की गयी है. जबकि जिला में लगभग 160 निजी विद्यालय संचालित है. जिनको यू-डायस कोड भी उपलब्ध करा दिया गया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डीपीएम दीप्ति, समग्र शिक्षा के प्रधान सहायक अतिकुर रहमान आदि उपस्थित थे.
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