लखीसराय. कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक की बलात्कार के बाद बर्बरता पूर्ण हत्या एवं उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक पर जानलेवा हमले के विरोध में राज्य के साथ स्थानीय जिला में शनिवार को सभी निजी व सरकारी अस्पताल ने ओपीडी बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पताल में ओपीडी बहिष्कार के दौरान इमरजेंसी सेवा बहाल रहेगी. आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ रामानुज सिंह, सचिव पंकज कुमार, सरकारी चिकित्सा संस्था के जिला सचिव डॉ आलोक कुमार एवं डेंटल एसोसिएशन सदस्य डॉ आरके उपाध्याय ने अपने संबंधित संगठन द्वारा शनिवार को होने वाले ओपीडी बहिष्कार का पुष्टि करते हुए बंगाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है. सदर अस्पताल के डीएस सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि शनिवार को ओपीडी बहिष्कार के दौरान सभी चिकित्सक के साथ सामूहिक रूप से कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई बर्बरता पूर्ण घटना के विरोध में सदर अस्पताल के सामने मुख्य गेट पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि इस दौरान सदर अस्पताल में तैनात ऑफ एवं ऑन ड्यूटी सभी चिकित्सक को विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर महिला चिकित्सक के परिजन को न्याय दिलाने एवं स्वतंत्रता दिवस के पूर्व रात्रि प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक पर सामूहिक रूप से सुनियोजित तरीके से जानलेवा हमला का भी विरोध करेंगे. उन्होंने सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पताल में तैनात सभी चिकित्सक को ओपीडी बहिष्कार के दौरान अनिवार्य रूप से अपने संबंधित कार्य स्थल पर उपस्थित होकर अपनी एकता का परिचय देने का आग्रह किया है. ज्ञात हो बुधवार को ओपीडी बहिष्कार के दौरान सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न सरकारी अस्पताल में चिकित्सक की अनुपस्थिति को लेकर उनके आंदोलन पर आम लोगों ने सवाल खड़ा किया था. आईएमए के आह्वान पर 24 घंटा बंद रहेगी मेडिकल सेवा
लखीसराय. पश्चिम बंगाल एवं उत्तराखंड में महिला चिकित्सकों की हैवानियत पूर्ण हत्या व इस वर्ष नीट परीक्षा में हुई व्यापक गड़बड़ी के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 17 अगस्त की सुबह 06 बजे से 18 अगस्त की सुबह 06 बजे तक मेडिकल सेवा बंद रखने निर्णय लिया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की लखीसराय जिला इकाई के अध्यक्ष डॉ रामानुज प्रसाद सिंह, सचिव डॉ पंकज कुमार एवं पूर्व अध्यक्ष डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि आये दिन देश में मेडिकल सेवा खुद जख्मी हालत में है. इस वर्ष नीट परीक्षा में व्यापक गड़बड़ियां हुई. इस कारण देश भर में अशांति और भय का माहौल है. इस जख्म की बगैर उचित इलाज किये ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. बीते माह 30-31 जुलाई को उत्तराखंड में एक नर्सिंग महिला की हत्या कर दी गयी. इसकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझी है. पिछले 8-9 अगस्त की रात कोलकाता में एक मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी चिकित्सक की कार्यस्थल पर ही गैंग रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गयी. मामला प्रकाश में आने के बाद मेडिकल कॉलेज एवं वहां के प्रशासन की मिलीभगत, लापरवाही और बेरुखी सामने आयी. उक्त अमानवीय कुकृत्य घटना की हवा पश्चिम बंगाल सहित सम्पूर्ण देश के मेडिकल कॉलेजों में फैल गयी है. अपने साथी चिकित्सकों के साथ हुई हैवानियत से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आक्रोशित है. घटना के विरोध में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन करने पर वहां की पुलिस असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर धरनार्थी पर ही हमलावर हो गये. घटना पर मरहम लगाने के बजाय भयाक्रांत के माहौल में उक्त घटना से जुड़े साक्ष्य को मिटाया जा रहा है. कॉलेज में तोड़फोड़ किया जा रहा है. पुलिस प्रशासन का व्यवहार शक के दायरे में हैं. उच्च न्यायालय ने पूरे मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है. अब आइएमए को न्यायालय पर ही आखिरी भरोसा है. मेडिकल समुदाय काम पर भी वापस लौटने लगे थे, लेकिन बंगाल पुलिस की गुंडागर्दी ने फिर से आइएमए के जख्म को ताजा कर दिया है. आइएमए पूरी तरह आंदोलित 17 अगस्त की सुबह से 18 अगस्त की सुबह तक बाध्य होकर 24 घंटे मेडिकल सेवा से अपने को दूर रखने का दुखद निर्णय लिया है.कोलकाता में घटी घटना के विरोध में दक्ष हॉस्पिटल भी रहेगा बंद
लखीसराय. भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त 2024 को एक महिला चिकित्सक के साथ हुई निर्मम घटना के विरोध में एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. इस घटना में एक युवा महिला चिकित्सक के साथ क्रूरता से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गयी थी. इस घटना ने पूरे चिकित्सा जगत को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना के बाद से पूरे देश में चिकित्सा समुदाय में गुस्सा और भय का माहौल है. इसके विरोध में देश भर के चिकित्सकों ने काम बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया है. इस हड़ताल का उद्देश्य चिकित्सकों के प्रति हो रहे हिंसक अपराधों के खिलाफ आवाज उठाना और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थल की मांग करना है. इस आंदोलन का हिस्सा बनते हुए, लखीसराय स्थित प्रसिद्ध दक्ष हॉस्पिटल ने भी 17 अगस्त सुबह छह बजे से 18 अगस्त 2024 के सुबह छह तक अपनी सभी सेवाओं को बंद रखने का निर्णय लिया है. इस दौरान अस्पताल की सभी नियमित ओपीडी और ऑपरेशन जैसी सेवाएं बंद रहेंगी. आयुष्मान कार्ड से संबंधित सेवाएं भी बंद रहेगी. दक्ष अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने आईएमए के इस आह्वान का समर्थन करते हुए कहा है कि यह सेवा बंद आम जनता के लिए असुविधाजनक हो सकती है, लेकिन यह कदम चिकित्सकों की सुरक्षा और न्याय के लिए आवाज उठाने का एक महत्वपूर्ण कदम है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है