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साहित्यिक रचनाओं से जन चेतना पर की गयी चर्चा

जिला मुख्यालय चितरंजन रोड प्रभात चौक स्थित भारती सभागार में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 27, 2024 9:02 PM
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लखीसराय. जिला मुख्यालय चितरंजन रोड प्रभात चौक स्थित भारती सभागार में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. संगठन के उपाध्यक्ष रामबालक सिंह की अध्यक्षता जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती के मंच संचालन में आगत अतिथियों का स्वागत उपाध्यक्ष सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने किया. कवियों ने अपनी काव्य और साहित्यिक रचनाओं से सामाजिक कुरीतियां और जन चेतना के विकास के बारे में चर्चा की. सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की रचना आत्म दीपो भव. जीवन पासवान जी की रचना महान भारत की अकाट्य सच्चाई, दोगनी होती हर रोज महंगाई. बलजीत कुमार की रचना कौन कहता है कि परिवार अच्छा होता है. राजकुमार की रचना राजा नहीं फकीर है देश की तकदीर है. रामबालक सिंह की रचना श्रीबाबू के जन्म दिवस पर नमन उन्हें मैं करता हूं, नाम अमर त्रिलोक्य में रहे, ईश्वर से कामना करता हूं. भोला पंडित की रचना हो रही हर जगह छठ की पूजा. अरविंद कुमार भारती की रचना- शाम ढलने लगी दिल मचलने लगा, रात आने के पहले ही खलने लगा. शिवदानी सिंह बच्चन जी की रचना दिवाली में देवाला है, भूख्खल खटैय कमावे वाला है. भगवान राय राही की रचना चिंता के चिंगारी से. बैठक में कवियों की कम उपस्थिति पर भी चर्चा की गयी. सभी कवियों से आग्रह किया गया कि जो सदस्य हैं और जो नहीं है वे सभी आयें और देश समाज की चिन्ताओं से लोगों को अवगत करायें. अरविंद कुमार भारती प्रधान संपादक नवलकंठ के द्वारा जिले के तमाम कवियों एवं बुद्धिजीवियों से नवल कंठ में प्रकाशित होने वाली रचनाओं के लिए आमंत्रित किया गया. शिवदानी सिंह बच्चन द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया.

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