कविता के माध्यम से कवियों ने रखी देश-दुनिया की समस्याएं
सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में परिचर्चा सह मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया.
जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा कवि गोष्ठी का आयोजन
लखीसराय. जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन लखीसराय के तत्वाधान में होटल भारती के सभागार में सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में परिचर्चा सह मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें कवियों एवं साहित्यकारों ने अपने-अपने विचार प्रकट किये. मौके पर कवि शिवदानी सिंह बच्चन ने अपनी रचना ‘महंगी है मारा हैय और है निठल्ला, झूठ के समता स्वराज के है हल्ला’ प्रस्तुत की. वहीं सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने अपनी रचना ‘नव वर्ष का शीघ्र ही आगाज है विगत उपलब्धियां का अंबार है ’, मुंद्रिका सिंह ने ‘आधी दुनिया में आग लागल हो खैर मनाबो यहां मोदी हो’, भोला पंडित ने ‘देवता दानव मानव का अरमान हो आंचल, हर घर में नारी के तन पर पहचान हो आंचल’, भगवान राय राही ने ‘खानपान में परहेज करो, तुलसी और नीम पत्ता के जलपान करो’, राजकुमार ने ‘प्यारा-प्यारा न्यारा-न्यारा है हिंदुस्तान, धरती मेरी माता-पिता आसमान’, रोहित कुमार ने ‘ईश्वर की दी हुई माटी से एक माटी ने कुछ इस तरह लिया बदला, मेहनत का पसीना बरका-बरका कर आंखों से निकला’ जैसी रचनाओं की प्रस्तुति दी. इसके अलावे कार्यक्रम में अरविंद कुमार भारती, योग शिक्षक ज्वाला जी, एडवोकेट प्रकाश सिंह, एडवोकेट शिवदानी सिंह बच्चन एवं देवेंद्र सिंह आजाद ने भी अपनी-अपनी रचनाओं से देश दुनिया और समाज की कुरीतियों के बारे में वर्णन किया. मंच का संचालन सचिव देवेंद्र सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन मुंद्रिका प्रसाद सिंह ने की. मौके पर पत्रिका नवल कंठ में रचनाओं के बारे में भी प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती ने चर्चा की. जिसमें सभी कवियों एवं साहित्यकारों से रचनाएं आमंत्रित की गयी, ताकि शीघ्र इसका प्रकाशन किया जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है