लखीसराय. विगत तीन दिनों से अच्छी बारिश होने के साथ ही किसानों के द्वारा तेजी से धान का बिचड़ा गिराया जा रहा है. चार दिन पूर्व जिले में दो प्रतिशत ही धान का बिचड़ा गिराये जाने की बात कही गयी थी. वहीं चार दिनों के अंदर दो प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत धान का बिचड़ा जिले में गिराया जा चुका है. जिले में कुल 4190 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा गिराये जाने का लक्ष्य प्राप्त है. पिछले कई दिनों से बारिश नहीं होने के कारण किसानों द्वारा धान का बिचड़ा नहीं गिराया जा रहा था, लेकिन बारिश होने के साथ ही किसानों के द्वारा धान का बिचड़ा गिराया जा रहा है. यह बिचड़ा 20 से 22 दिनों में तैयार हो जायेगा. इसके बाद धान का रोपनी शुरू की जायेगी. बैठक जिले में कुल 41 हजार 902 हेक्टेयर में धान का खेती किया जाना है. इसके लिए कल 41 सौ 90 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा गिराये जाने का लक्ष्य प्राप्त है.
चार प्रखंड में की जाती है मूल रूप से धान की खेती
जिले के कुल चार प्रखंड में मूल रूप से धान की खेती की जाती है. सबसे अधिक धान की खेती जिले के हलसी प्रखंड के अलावा रामगढ़ प्रखंड में की जाती है. वहीं चानन एवं लखीसराय प्रखंड के अधिकांश क्षेत्रों में भी धान की खेती होती है. सूर्यगढ़ा प्रखंड के कजरा, पीरीबाजार में ही सिर्फ धन की खेती की जाती है, जबकि माणिकपुर एवं मेदनीचौकी में धान की खेती कम की जाती है. वहीं पिपरिया एवं बड़हिया में धान की खेती काफी कम किया जाता है. इन दोनों क्षेत्र में अधिकांश दलहन, तिलहन एवं गेहूं की खेती होती है. चार प्रखंडों के किसान ही धान की खेती का लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होते हैं. शेष प्रखंड में धान की खेती कम की जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है