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तपिश व उमस से लोगों का हाल बेहाल

शनिवार की तुलना में रविवार को अधिकतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी जबकि न्यूनतम तापमान एक डिग्री बढ़कर 30 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.

सूर्यगढ़ा. पिछले एक सप्ताह से पारा 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर रहने की वजह से घर से बाहर मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों की बात तो दूर घर में रहने वाले लोग भी कह रहे हैं उफ..यह गर्मी अब कितना सतायेगी. हालांकि शनिवार की तुलना में रविवार को अधिकतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी जबकि न्यूनतम तापमान एक डिग्री बढ़कर 30 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. रविवार को लखीसराय जिले में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक सोमवार को अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी होने की संभावना है. सोमवार 17 जून एवं मंगलवार 18 जून को गर्मी में आंशिक वृद्धि हो सकती है. रविवार को सुबह थोड़ी राहत नजर आयी लेकिन सारा दिन उमस और पसीना से निढाल जीव-जगत के सामने बचाव का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था. अधिकतम 40 डिग्री तापमान से घर की छत और दीवार तपने लगी. भीतर तपन की आंच तो बाहर त्वचा को जला देने वाले मौसम से जनमानस आकुल-व्याकुल नजर आया. आंच की ताप का प्रभाव यह था कि वाहन में बैठे यात्री गर्मी के प्रभाव से उबले नजर आये. सबके लिए परेशानी का कारण बन चुके मौसम का कहर रविवार को भी जारी रहा. पसीने से तरबतर बदन के बीच दिनचर्या के कार्यों में लगे लोगों के लिए प्रचंड गर्मी अब डरावनी हो चली है. हीट स्ट्रोक की चपेट में आने से जिले में कई लोगों के मृत्यु होने की सूचना है. इस मौसम में पशु-पक्षी अकुलाये तो जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सुबह 10 बजते-बजते धूप इस कदर तीखी हो जाती है कि लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. दोपहर में सड़कों पर आवागमन कम होने के साथ ही बाजारों में सन्नाटा देखा गया. गर्मी का प्रभाव जीव-जंतुओं से लेकर पेड़-पौधों पर दिखाई दे रहा है. दिन चढ़ने के साथ ही धूप का रुप भी बदलने लगा. दोपहर होते-होते बाहर निकलते ही चेहरा झुलस जा रहा था. आग उगलते आसमान और पसीने से तर बतर शरीर के बीच लोग बेचैनी में बाहर-भीतर टहलते नजर आये. उमस और पसीना में वृद्धि होने के साथ बेचैनी बढ़ गयी. दोपहर बाद तीखी धूप बीच बदन जलाती रही. अपने रूप का प्रभाव दिखा रही धूप और मौसम लोगों के लिए कष्टकारी बन गया है.

प्रचंड गर्मी के कारण काम पर नहीं जा पा रहे मजदूर

गर्मी ऐसी है कि लोगों की त्वचा को झुलसा रही है. गर्मी के कहर की वजह से जिले में कई लोगों की जान जा चुकी है. इधर, गर्मी के कारण रोजी-रोटी के लिए घर से बाहर निकलने वाले मजदूर पिछले 10 दिनों से काम पर नहीं जा पा रहे हैं. धूप के तीखे तेवर उनके लिए असहनीय हो रहा है. ऐसे में इन मजदूर परिवार के लोगों के लिए रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है. भवन निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार गुड्डू कुमार ने बताया कि मजदूर के काम पर नहीं आने से कई दिनों से कामकाज बंद है.

प्रचंड गर्मी में बिजली की समस्या बनी परेशानी का कारण

एक ओर प्रचंड गर्मी लोगों के लिए असहनीय हो रहा है. वहीं बिजली की आंख मिचौनी के कारण घर में भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. पावर लोड बढ़ जाने की वजह से बिजली लगातार ट्रिप कर रही है. लो वोल्टेज की समस्या की वजह से इस प्रचंड गर्मी में एसी शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. लो वोल्टेज के कारण लोगों के घरों का मोटर नहीं चल रहा है. जिससे उनके समक्ष पानी की भी समस्या उत्पन्न हो रही है. पावर लोड और फॉल्ट अधिक होने की वजह से विभागीय अधिकारी से लेकर कर्मी तक समस्या के निराकरण की वजह हाथ खड़े कर रहे हैं. विद्युत संबंधी फॉल्ट के कारण लोग रतजगा करने को मजबूर है. विद्युत विभाग का अधिकतर काम अनुबंध वाले मिस्त्री के भरोसे होता है. अनुबंध से बिजली मिस्त्री काम की वजह अवैध वसूली में जुटे हैं.

हीट वेव से नहीं मिल रही राहत

लखीसराय. हीट वेव से लोगों को राहत नहीं मिल रही रही है. रविवार को आसमान में रूक-रूककर बादल रहने के बाद भी लू वाली गर्म हवा से लोगों को बेहाल कर रखा था. हीट वेव के कारण लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया. शहर की सड़क पर खरीदारों की संख्या काफी कम देखा गया. जिसे लेकर दुकानदारों ने बताया गर्मी एवं गर्म हवा के चलने के कारण ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. शाम को थोड़ा बाजार होता है. पूरे दिन ग्राहकों से भेंट नहीं हो पाती है. पिछले 25 दिन से अधिक दिनों से हीट वेव के कारण बच्चे-बूढ़े की परेशानी का मुख्य कारण बना हुआ है. बकरीद होने के कारण सोमवार को भी विद्यालय को बंद रखा जायेगा. सोमवार की शाम तक अधिकारियों के फैसले के अनुसार मंगलवार से विद्यालय को खोला जाना संभव है.

किसान भी लगा रहे हैं बारिश को लेकर आसमान की ओर टकटकी

पिछले कई दिनों से किसान भी बारिश को लेकर आसमान की ओर टकटकी लगाकर बैठे हैं. किसानों के खेत सूखा पड़े हुए हैं. इस तरह का हॉट मौसम किसानों ने कभी महसूस ही नहीं किया था. हीट वेव के कारण किसानों का सब्जी का फसल बर्बाद हो चुका है. ट्यूबवेल के पानी से भी धरती का प्यास नहीं बुझती नजर आ रही है. किसान लोगों से पूछ रहे हैं कि आखिर बारिश होगा तो कब.

तपिश भरी गर्मी से नीचे चला गया कुआं का जल स्तर, पशुपालकों की बढ़ी परेशानी

मेदनीचौकी. बीते एक माह से भीषण गर्मी पड़ रहा है, 42 डिग्री तक तापमान में बढ़ोतरी होने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. सुबह से शाम तक हीट वेव का वातावरण बना हुआ है. तपिश भरी गर्मी से कुआं का जल स्तर नीचे चला गया है. कुआं के जल पर आश्रित किसानों व पशुपालकों का कई पानी को लेकर परेशानी बढ़ गयी है. पशुपालकों का कहना है कि चापाकल का भी लेयर नीचे चला गया है. जिससे चापाकल से पानी कम निकल पाता है. वैसे पशुपालकों को चापाकल व कुआं के जल स्तर घटने से इस भीषण गर्मी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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