धर्मरायचक मोहल्ले में नाले के पानी में घुसकर गुजरने को मजबूर लोग
धर्मरायचक मोहल्ले में नाले के पानी में घुसकर गुजरने को मजबूर लोग
लखीसराय. शहर की साफ-सफाई पर एक बार नहीं बल्कि कई बार मुद्दा उठाया गया है. साफ- सफाई के नाम पर लाखों रुपये की प्रत्येक माह हेराफेरी की जा रही है, लेकिन सबकी मिलीभगत होने के कारण साफ-सफाई का टेंडर लिए कंपनी के खिलाफ कुछ नहीं हो पाता है. शहर की साफ-सफाई सिर्फ मुख्य सड़क का ही हो रहा है. जबकि शहर के कई मोहल्ले के हालात बद से भी बदतर बने हुए हैं, डोर-टू-डोर कचरा उठाने का कार्य एक नहीं बल्कि कई मोहल्ले में नहीं हो पाता है. मोहल्ले के नाले साफ नहीं होने के कारण नाला का पानी सड़क पर आ जाता है और लोगों को नाला के पानी में घुसकर आवागमन पड़ता है. नाला की सफाई नहीं होने के कारण नाला का पानी लोगों के आवागमन के रास्ते पर जमा हो जाता है. शहर के चितरंजन रोड स्थित वार्ड नंबर छह के धर्मरायचक मुहल्ले में रास्ते पर नाले का पानी जमा हो जाता है. कई बार इसकी शिकायत नगर परिषद के अधिकारियों से की गयी है, लेकिन अधिकारी मोहल्ले में सफाई कर्मी को भेजना मुनासिब नहीं समझते हैं.
शहर की साफ सफाई में 52 लाख रुपये से अधिक होता है प्रतिमाह खर्च
शहर की साफ-सफाई के नाम पर नप के द्वारा प्रतिमाह 52 लाख रुपये खर्च किया जाता है. जबकि इससे पहले 25 से 30 लाख रुपये में पूरे शहर को चकाचक रखा जा रहा था. अब शहर के धर्मरायचक में नाला की साफ-सफाई कभी कभार ही हो पाता है. प्रचंड गर्मी में नाला का पानी सड़क पर बहने के कारण लोगों को बाहर निकलने में कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. यह उस मोहल्ले में पहुंच कर देखने से ही पता चल पाता है. बरसात के दिनों में मोहल्ले वासियों को किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता होगा. यह बात मोहल्ले के लोग बताते है. टुनटुन पंडित ने बताया कि नल का पानी सड़क पर जमा हो जाता है. नाली के पानी से ही गुजर कर बाहर निकलना पड़ता है, यह उनकी मजबूरी बन गयी है. जबकि रामबालक साहू का कहना है कि नाले का पानी सड़क पर जमा हो जाने के कारण लोग अपना रास्ता बदल देते हैं. लोग काफी घूमकर मुख्य सड़क तक पहुंच पाते हैं. छोटी महतो ने बताया कि इस मोहल्ले में सफाई कर्मी शायद ही दिखाई देते हैं. मोहल्ले की साफ-सफाई मोहल्ले वासियों के द्वारा ही कराया जाता है. शिवकुमार साहू ने कहा कि बरसात के दिनों में मोहल्ले का स्थिति नारकीय हो जाती है. लोगों को मोहल्ले में पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है. राम अवतार भगत ने कहा कि इस मोहल्ले में न तो साफ सफाई और न ही शहरी सुविधा उन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है. उनसे सिर्फ होल्डिंग टैक्स की वसूली की जाती है.बोले सफाई पर्यवेक्षक
सफाई पर्यवेक्षक आनंद कुमार ने बताया कि नाले के पानी सड़क पर बहने की बात मोहल्ले वासियों के द्वारा नहीं की गयी है. चुनाव होने के कारण कर्मियों की व्यस्तता बढ़ी है, उन्होंने कहा कि नाले की साफ-सफाई करा दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है