अंचल कार्यालय का लोग रोज लगा रहे हैं चक्कर
अंचल कार्यालय का लोग रोज लगा रहे हैं चक्कर
लखीसराय. सदर अंचल कार्यालय में कार्यों के निष्पादन नहीं होने के कारण लोगों को चक्कर लगाना पड़ रहा है. लखीसराय शहर में बसने से पूर्व लोग सदर अंचल के कार्यालय का चक्कर काटते काटते लोग थक-हारकर बैठ जाते हैं. कई लोगों ने बताया कि डीसीएलआर के आदेश के महीनों व साल गुजर जाने के बाद भी सुनवाई नहीं होती है. सरकार के द्वारा लोगों की सुविधा के आरटीआई का प्रावधान लागू किया गया है, जब लोग आरटीआई के माध्यम से सूचना की मांग करते हैं तो उन्हें तय समय सीमा के अंदर सूचना नहीं दी जाती है. उन्हें कोई न कोई बहाने से टरकाया जाता है. सूर्यगढ़ा प्रखंड के जजवारा निवासी श्याम कुमार ने बताया कि शहर के धर्मरायचक में दो वर्ष पूर्व एक बास की जमीन खरीदी है. जिसका दाखिल खारिज भी कर दिया गया है. वह दो साल से अंचल कार्यालय का परिमार्जन के लिए चक्कर काट रहे हैं. आज भी चिलचिलाती धूप में अपने कार्य निष्पादन के लिए घंटो से खड़े हैं. उन्होंने आरटीआई के तहत सूचना की मांग भी की है, लेकिन उन्हें छह माह से टरकाया जा रहा है. उन्होंने मामले की शिकायत डीएम से करने की बात कही. वार्ड नंबर सात कार्यानंद नगर निवासी मनोज सिंह की पत्नी रेखा देवी ने मार्च के प्रथम सप्ताह में ही जनता दरबार में गुहार लगाते हुए मुहल्ले के ही मुरारी सिंह के पुत्र नीरज कुमार एवं धीरज कुमार पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा लोगों के आने जाने वाले रास्ते पर लोहे का गेट लगा दिया गया है. आने-जाने के रास्ते पर गेट को खोलने के लिए बोला जाता है तो उनके द्वारा गाली-गलौज किया जाता है. इस बात को लेकर सीओ सुप्रिया आनंद खुद स्थल पर जांच कर गेट हटाने की बात कही थी, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी सीओ द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इस तरह एक नहीं बल्कि अंचल में दर्जनों ऐसे मामले हैं, जिसके लिए लोग अंचल कार्यालय का महीनों व सालों से चक्कर काट रहे हैं. सोमवार को आईएमए के एक कार्यक्रम को लेकर शहर एक चिकित्सक को सहमति पत्र के लिए दोपहर को दो घंटे तक इधर से उधर भटकना पड़ा. अंचल कार्यालय के कर्मी के द्वारा दो घंटे के बाद सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाया गया. सीओ सुप्रिया आनंद का कहना है कि एक तरफ स्टाफ की कमी तो दूसरी तरफ फाइल का नहीं मिलना कार्य का बाधा बना है.
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