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सदर अस्पताल में इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत

जिला मुख्यालय सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार की सुबह इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी.

लखीसराय. जिला मुख्यालय सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार की सुबह इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी. मृतक के परिजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. जानकारी पाकर सदर अस्पताल पहुंचे जदयू नगर अध्यक्ष सुनील कुमार साव ने भी पीड़िता के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत डीएम रजनीकांत से की है. जबकि सदर अस्पताल प्रबंधन ने पीड़िता की गंभीर स्थिति को देखते हुए इमरजेंसी वार्ड में ऑन ड्यूटी तैनात चिकित्सक के पटना पीएमसीएच रेफर करने के बावजूद नहीं जाने के कारण मौत की बात कही है. जानकारी के अनुसार हलसी प्रखंड के खुरयारी गांव निवासी वीरू मांझी अपनी सात माह के गर्भवती 20 वर्षीय पत्नी कजली देवी को शुक्रवार देर रात दो बजे गंभीर स्थिति में इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. इमरजेंसी वार्ड में ऑन ड्यूटी तैनात चिकित्सक डॉ मृत्युंजय कुमार ने प्राथमिक उपचार के बाद पीड़िता को पहले गायनीक चिकित्सक एवं बाद में पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया. नाइट शिफ्ट में गायनीक चिकित्सक की मौजूदगी नहीं होने और परिजन के विशेष आग्रह पर डॉ मृत्युंजय कुमार ने पीड़िता का इमरजेंसी वार्ड में ही इलाज शुरू किया. लगभग आठ घंटे के बाद शनिवार की सुबह 9:35 बजे इलाज के दौरान पीड़िता की मौत इमरजेंसी वार्ड में ही हो गयी. पति वीरू मांझी ने आरोप लगाया कि महिला चिकित्सक की मौजूदगी के अभाव में बेहतर इलाज नहीं मिल पाने के कारण उनकी पत्नी की मौत हो गयी. सदर अस्पताल पहुंचे जदयू नगर अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि पीड़िता के इलाज में घोर लापरवाही बरती गयी. महिला व गर्भवती होने के बावजूद स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज नहीं करवाया गया. उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मी का परिजन के प्रति व्यवहार भी काफी गैर जिम्मेदाराना था. जब इसकी शिकायत उन्होंने फोन से डीएम को किया उसके बाद स्वास्थ्य कर्मी के व्यवहार में शालीनता आया. 24 घंटे सदर अस्पताल में गर्भवती महिला का आना लगा रहता है. इसके बावजूद स्त्री रोग विशेषज्ञ का ड्यूटी पर नहीं होना घोर लापरवाही दर्शाता है. इसकी शिकायत डीएम सहित सरकार के वरीय प्रतिनिधि से करेंगे. इधर, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार ने बताया कि पीड़िता की स्थिति पहले से ही गंभीर थी. हालांकि इमरजेंसी वार्ड में ऑन ड्यूटी तैनात जीएनएम को इसकी जानकारी ऑन कॉल स्त्री रोग विशेषज्ञ को दी जानी चाहिए थी.

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