लखीसराय. शारदीय नवरात्र को लेकर दूर-दूर से लोग बड़हिया कॉलेज घाट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगायी. गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा-पाठ किया. पुरोहित सुधाकर पांडेय ने बताया कि गुरुवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जायेगा. नवरात्र के पूर्व लोग गंगा स्नान कर बाजार से पूजन सामग्री के साथ-साथ फल आदि की खरीदारी करते हैं. शारदीय नवरात्रा हिंदू धर्म में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. नवरात्रि करने वाले घरों में प्याज, लहसुन आदि युक्त भोजन त्याग देते हैं. कलश स्थापना कर मां के नौ स्वरूप की पूजा होती है. अधिकांश लोग कलश स्थापना के एक दिन पूर्व गंगा स्नान कर शुद्धि प्राप्त कर लेते हैं, तभी लोग पूजा-पाठ की सामग्री की खरीदारी करते हैं.
नवरात्रि के प्रथम दिन होगी शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के प्रथम दिन शैलपुत्री की पूजा होती है. पुरोहित सुधाकर पांडेय ने बताया कि इनके पूजन से लोग यश कृति की प्राप्ति करते हैं. नेम धर्म के साथ प्रथम पूजा शैलपुत्री से ही शुरू होती है. कुछ लोग मंदिरों में कलश स्थापना कर पूजा पाठ करते हैं तो कुछ लोग अपने घर में कलश स्थापना कर दुर्गा मां के सभी नौ स्वरूप की पूजा पंडित से कराते हैं. पूजा-पाठ सामग्री खरीदने के लिए विद्यापीठ चौक एवं पुरानी बाजार के अलावा नया बाजार में अधिक भीड़ देखी जा रही है. लोग पूजन सामग्री के साथ साथ फल की खरीदारी करते हुए नजर आ रहे थे.नवरात्र को लेकर लोगों ने गंगा में लगायी आस्था की डुबकी
बड़हिया. कलश स्थापना के पूर्व एक दिन पहले बुधवार को शारदीय नवरात्र के शुभारंभ को लेकर नौ देवियों की पूजा व कलश स्थापना हेतु पवित्र गंगा में स्नान के लिए हजारों की संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने बड़हिया प्रखंड के विभिन्न गंगा घाटों में आस्था की डुबकी लगायी. बुधवार की सुबह बड़हिया के प्रसिद्ध कॉलेज घाट सहित अन्य गंगा घाटों पर लोगों ने गंगा स्नान कर अपने-अपने घरों में कलश स्थापन के लिए गंगा जल भर कर ले गये. जिसके उपरांत बड़हिया की विख्यात सिद्ध मंगलापीठ मां बाला त्रिपुरसुंदरी जगदंबा मंदिर में पूजा अर्चना कर मनोकामना पूर्ण होने की मनौतियां मांगी. लोगों ने गंगा स्नान के बाद गंगा की पूजा-अर्चना की तथा सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा. गंगा स्नान के प्रति खासकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला. बड़हिया मां बाला त्रिपुर सुंदरी जगदंबा स्थान में आज से सप्तशती का पाठ पंडितों द्वारा शुरू किया जायेगा. दुर्गा पूजा से पहले पवित्रता के लिए गंगा स्नान करने की परंपरा है. वहीं दुर्गा पूजा को लेकर नगर क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बन चुका है. गंगा स्नान के बाद लोग अपने घरों को पवित्र कर आज कलश स्थापना कर देवी की आराधना शुरू करेंगे. नवरात्रि में देवी के उपासक नौ दिनों तक लहसुन, प्याज का त्याग कर फलाहार व सिर्फ मीठा भोजन करते हैं. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत पहले दिन मां शैलपुत्री के पूजन के साथ होती है. इससे पूर्व विधि विधान के साथ कलश स्थापना की जायेगी. मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से माता रानी की कृपा बरसती है. माता की आराधना करने के लिए कुछ भक्त नौ दिनों तक भक्ति भाव से व्रत का पालन करते हैं. कुछ भक्त फलाहार व्रत करते हैं तो कुछ निर्जला व्रत भी रखते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है