आसमान छू रहे टमाटर व हरी मिर्च के भाव
बारिश एवं बाढ़ की विभीषिका ने गरीबों के थाली से सर्दी के मौसम में देशी लाल टमाटर, हरी मिर्च, हरा मटर एवं लहसुन की चटनी का मजा छीन लिया है.
लखीसराय. इस बार आश्विन माह के अंत तक बारिश एवं बाढ़ की विभीषिका ने गरीबों के थाली से सर्दी के मौसम में देशी लाल टमाटर, हरी मिर्च, हरा मटर एवं लहसुन की चटनी का मजा छीन लिया है. बाजार में इन सभी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. जिले में प्रायः बड़हिया के दरियापुर, कल्याणपुर सदर प्रखंड के साबिकपुर, लोदिया, रेहुआ, पिपरिया के रामचंद्रपुर, वलीपुर, राहटपुर, सूर्यगढ़ा के दियारा क्षेत्र आदि से हरा मटर, हरी मिर्च, लाल टमाटर की आपूर्ति करायी जाती रही है, लेकिन इस बार गंगा एवं नदियों के उफान ने इन सभी फसलों को अपने साथ बहाकर ले गया है. फिलहाल स्थिति यह बनी है कि दूसरे जिले को इन सभी चीजों का आपूर्ति करने वाले लखीसराय को समस्तीपुर एवं दलसिंहसराय के ऊपर निर्भर रहना पड़ रहा है.
कई घरों से गायब हुआ लहसुन
लहसुन की कीमत आसमान छू रही है. जिससे कि आयुर्वेदिक मसाला लोगों के घरों से गायब होते नजर आ रहा है. लहसुन बाजार में फिलहाल चार सौ रुपये प्रति किलो बिक रहा है. जिससे कि साधारण एवं गरीब परिवार के लोगों को लहसुन खरीदने की वश की बात नहीं रह गयी है. साधारण और गरीब परिवार के लोग लहसुन को आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में भी उपयोग करते आये है, लेकिन लहसुन की कीमत जानकर लोग हैरान रह जाते है. लहसुन की कीमत इतना रेट अभी तक नहीं हुआ था. यह पहला मौका है जब लहसुन गरीब एवं साधारण व्यक्ति के रसोई से गायब हो चुका है.
खेत से टमाटर व हरी मिर्च दिसंबर के समय हो जाता था उपलब्ध
सदर प्रखंड के साबिकपुर निवासी व किसान निर्भय सिंह का कहना है कि दिसंबर माह के इस समय हरी मिर्च एवं टमाटर एवं कम मात्रा में बाजार में उपलब्ध होने लगता था, लेकिन इस बार बाढ़ का पानी देर तक रहने के कारण अब 11 एवं 12 जनवरी के बाद ही फसल बाजार में उपलब्ध होने की संभावना है. किसान धनंजय सिंह ने बताया कि बाढ़ की पानी में ने इस जिले के किसानों को तबाह कर दिया. बाढ़ के पानी देर तक रहने के कारण उन्हें एक महीना गंवाने के अलावा आर्थिक नुकसान भी किया है. रेहुआ के किसान नीलेश कुमार ने कहा कि इस समय सभी किसान के द्वारा 20 से 25 रुपये हरी मिर्च एवं लाल टमाटर बिकने लगता था, लेकिन इस बार फसल नहीं आने के कारण टमाटर और हरी मिर्च बंगाल एवं झारखंड से आकर बिक्री हो रही है.
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