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सारथी रथ से परिवार नियोजन पखवारा अभियान का प्रचार शुरू

17 सितंबर से शुरू हो रहे परिवार नियोजन पखवारा अभियान को सफल बनाने को लेकर प्रचार-प्रसार का कार्य प्रारंभ हो गया है.

लखीसराय. 17 सितंबर से शुरू हो रहे परिवार नियोजन पखवारा अभियान को सफल बनाने को लेकर प्रचार-प्रसार का कार्य प्रारंभ हो गया है. सोमवार को प्रचार वाहन के रूप में प्रयुक्त होने वाला सारथी रथ को क्षेत्र भ्रमण के लिए सिविल सर्जन विनोद प्रसाद सिन्हा द्वारा सिविल सर्जन कार्यालय के निकट से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. मौके पर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक आशुतोष कुमार ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जन जागरूकता के लिए सारथी रथ को रवाना किया गया है. मिशन परिवार विकास के तहत दो सितंबर से 31 सितंबर तक परिवार नियोजन कार्यक्रम का आयोजन सभी जिले में किया जाना है. इसके तहत दो से 14 सितंबर तक दंपती संपर्क अभियान जारी है. इसके तहत आशा एवं जीविका दीदी घर-घर जाकर लाभार्थियों को चिन्हित कर परिवार नियोजन के लिए जागरूक करेगी. इस पर सभी आशा फैसिलिटेटर, सीएचओ, प्रखंड उत्प्रेरक, परिवार नियोजन काउंसलर द्वारा चिन्हित लाभार्थी का काउंसलिंग कर प्रेरित किया जायेगा. नौ से 13 सितंबर तक कुल पांच दिन जन जागरूकता के लिए यह सारथी रथ जिले के सभी प्रखंड में सभी पंचायत एवं ग्राम को सम्मिलित करते हुए, वहां पर लाउडस्पीकर के द्वारा लोगों को जागरूक करेगा. प्रत्येक सारथी रथ पर एक आशा फैसिलिटेटर रहेंगी, जोकि इस दौरान लोगों को परिवार नियोजन के लिए जागरूक करेंगी तथा लाभार्थी के द्वारा मांगे जाने पर उनके इच्छानुसार परिवार नियोजन के साधन को तत्काल मुहैया करायेगी. परिवार नियोजन पखवारा के तहत 17 से 30 सितंबर तक सभी पीएचसी, सीएचसी एवं जिला अस्पताल पर परिवार नियोजन स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जाना है. इसके तहत बिना किसी शुल्क के परिवार नियोजन के सभी साधन उपलब्ध होंगे. कोई भी दंपती अपनी इच्छा अनुसार परिवार नियोजन के साधनों का चयन करके इसकी सुविधा का लाभ किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर ले सकते हैं. जुलाई माह में आयोजित प्रथम परिवार नियोजन पखवारा मे जिला अंतरा लगाने के क्षेत्र में राज्य में लखीसराय प्रथम स्थान पर रहा. स्वास्थ्य मंत्री का निर्देश है कि आशा के द्वारा प्रत्येक माह कम से कम पांच लाभार्थियों को अंतरा अवश्य लगाया जाय, इसके अतिरिक्त जो भी लाभार्थी किसी भी प्रकार के साधन का उपयोग करना चाहते हैं, उन्हें तत्काल मुहैया कराया जाय. परिवार नियोजन का सबसे सही उपाय है सही उम्र में 21 वर्ष के बाद शादी एवं शादी के कम से कम दो वर्ष बाद बच्चे के बारे में सोचना एवं पहले और दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतर होना आवश्यक है. इस दौरान सभी प्रखंड में स्थायी बंध्याकरण की भी व्यवस्था की गयी है. मौके पर प्रभारी एसीएमओ डॉ अशोक भारती, जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम प्रबंधक सुधांशु नारायण लाल, डीसीएम आशुतोष कुमार एवं आशा फैसिलिटेटर आदि भी मौजूद थे.

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