बाल्यावस्था में मिलना चाहिए सही पोषण: डीएम
पोषण भी पढ़ाई भी विषय पर कार्यशाला
लखीसराय. समाहरणालय स्थित महिला एवं बाल विकास निगम कार्यालय के सभागार में गुरुवार को पोषण भी पढ़ाई भी विषय पर निपसीड के सहयोग से दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला का शुभारंभ किया गया. डीएम मिथलेश मिश्र, आईसीडीएस डीपीओ वंदना पांडेय, निपसीड के सहायक निदेशक लीना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. कार्यशाला 40 प्रतिभागी, सीडीपीओ, सुपरवाइजर व प्रखंड समन्वयक को प्रशिक्षित किया जायेगा. डीएम ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पहले हजार दिन व तीन से छह वर्ष आयु वर्ग के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल शिक्षा को बढ़ावा देना है. ईसीसी पाठ्यक्रम एवं शैक्षणिक दृष्टिकोण की बुनियादी समझ के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की क्षमता का विकास करना, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को विकास के क्षेत्र शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक, भावनात्मक, नैतिक सांस्कृतिक, तुलनात्मक एवं मूलभूत साक्षरता व संख्यात्मक के विकास के साथ संबंधित मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाना है. पोषण 2.0, पोषण के नवाचार पोषण ट्रैकर सहित पोषण पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की समझ को सुदृढ़ करना है. पोषण के संबंध में बच्चों की मासिक विकास तीन से छह वर्ष तक करते हैं. यदि कुपोषित हो गये हैं तो शारीरिक एवं मानसिक विकास नहीं कर पाते हैं. इसलिए प्रारंभिक बाल्यावस्था में सही पोषण होना चाहिए. जिला में बाल विवाह सबसे अधिक होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि लड़की की शादी 21 साल में करनी चाहिए. क्योंकि तब तक शारीरिक, मानसिक विकास के साथ वे आत्मनिर्भर हो जाती हैं. उन्हें कुपोषण एनीमिया जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. आंगनबाड़ी केद्रों की बुनियादी ढांचों में सुधार एवं सुव्यवस्थित रखने की बात कही है. डीपीओ वंदना पांडे ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम पोषण भी पढ़ाई भी योजना के तहत प्रत्येक महिला सुपरवाइजर प्रशिक्षित होकर अपने क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ कुपोषण को दूर करने एवं बच्चों के शारीरिक मानसिक विकास के साथ खेल के माध्यम से विकसित करना है. पोषण 2.0 के तहत सभी कार्यों को सुदृढ़ करना है. निपसीड सहायक निदेशक लीना कुमारी ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षक को पोषण भी पढ़ाई भी योजना के तहत दो दिवसीय ट्रेनिंग में कहा बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए पोषण अति आवश्यक है. ट्रेनिंग के माध्यम से प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्र में बच्चों के शारीरिक मानसिक गुणवत्ता में सुधार करेंगे. मौके पर सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी महिला पर्यवेक्षिका एवं सभी प्रखंड समन्वयक मौजूद थे.
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