नयी जांच कमेटी का विरोध, अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी
नयी कमेटी का गठन के विरोध में आशा कार्यकर्ता ने सीएस के खिलाफ मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
लखीसराय. जिले के बड़हिया बीसीएम के खिलाफ क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के प्रोत्साहन राशि भुगतान में भ्रष्टाचार व अनियमितता की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय जांच टीम को सीएस डॉ बीपी सिन्हा द्वारा 24 घंटे के अंदर भंग कर नयी कमेटी का गठन के विरोध में आशा कार्यकर्ता ने सीएस के खिलाफ मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जो बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. आशा कार्यकर्ता संघ की जिला महामंत्री आशा सिन्हा के अध्यक्षता में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के दौरान आशा कार्यकर्ता ने भ्रष्टाचार पर स्वरचित गीत का गायन कर भ्रष्टाचार पर हमला करते हुए अपने साथियों का उत्साहवर्धन किया. एक लड़ाई लड़ी गयी दूसरे की कर तैयारी, भ्रष्टाचार को दूर भगाओ और काला कानून, सुन भाई सुन, सुन सीएस सुन, सुन डीपीएम सुन, सुन बीपीएम सुन, धरती मांग रही है बेटा, मिट्टी मांगे खून तब बदलेगा विधि व्यवस्था और काला कानून गीत को बुलंद आवाज में गाकर अपने हौसले को आशा कार्यकर्ता ने प्रदर्शित किया. आशा सिन्हा ने बताया कि जब तक निष्पक्ष जांच टीम का गठन नहीं किया जाता है तब तक सीएस के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उमेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में हलसी सीएचसी बीसीएम कमलेश कुमार एवं रामगढ़ चौक पीएचसी बीएचएम अरुण कुमार को जांच टीम शामिल किया था. जिस टीम को 30 अक्तूबर तक बीसीएम के खिलाफ लगे सभी आरोप की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट सीएस कार्यालय को देने का निर्देश भी दिया था. जबकि दूसरे ही दिन स्वयं के गठित जांच कमेटी को रद्द करते हुए सीएस ने प्रभारी एसीएमओ डॉ एके भारती के नेतृत्व में पुनः तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन करते हुए जांच की अवधि भी पांच के बदले 15 दिन कर दिया. नयी टीम में अरुण कुमार को छोड़ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उमेश कुमार सिंह एवं कमलेश कुमार को हटाकर उनके स्थान पर पिपरिया बीएचएम अमान नजर को शामिल को शामिल किया है. महज 24 घंटे में पुरानी टीम को भंग कर नई टीम का गठन जांच की अवधि तीन गुना किया जाना सीएस के निष्पक्ष जांच के मनसा पर गंभीर सवाल खड़ा किया है. जिस गठित नयी टीम को जांच का जिम्मेदारी दिया है, उनपर पूर्व में जांच कमेटी में शामिल होने के दौरान जांच में अनियमितता का आरोप है. जान-बूझकर ऐसे पदाधिकारी को जांच टीम में शामिल किया गया है ताकि भ्रष्ट कर्मी को सीएस आसानी से बचा सके. सीएस के इस फैसले से क्षेत्र के आशा कार्यकर्ता में भी काफी आक्रोश है. मौके पर शांति कुमारी, रिंकी कुमारी, रीना कुमारी, आरती कुमारी, बेबी कुमारी, कमला कुमारी एवं वीणा कुमारी सहित अन्य आशा कार्यकर्ता मौजूद थी.
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