लखीसराय. नशा खुरानी गिरोह के शिकार ट्रेन में सफर कर रहे 32 वर्षीय युवक के इलाज के अभाव में मौत होने का मामला सामने आया है. परिजन ने रेल प्रशासन व रेल पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया. मृतक यात्री की पहचान नवादा जिला के काशीचक थाना क्षेत्र के बजरंग बीघा गांव निवासी कपिल देव प्रसाद के पुत्र लल्लू कुमार के रूप में हुई है. गांव के ही दो अन्य युवक के साथ सदर अस्पताल पहुंचे, मृतक के पिता कपिलदेव प्रसाद ने बताया कि उनका पुत्र सूरत से उधना मालदा टाउन ट्रेन से किऊल आ रहा था. उनके साथ यात्रा कर रहे अन्य यात्री ने उनके पुत्र के मोबाइल से ही उन्हें फोन किया कि उनके पुत्र की तबीयत खराब हो गयी है. अभी ट्रेन दानापुर पहुंची है. पिता की मानें तो यात्री ने बताया कि उनके पुत्र ने बताया की यात्रा के दौरान किसी ने उन्हें बिस्किट खाने दिया था. उसके खाने के बाद पेट में दर्द होने के साथ उन्हें चक्कर आ रहा है. सूचना पर गांव के दो सहयोगी के साथ निजी वाहन से हमलोग किऊल स्टेशन पहुंचे. जहां ट्रेन आने के बाद हमलोग गंभीर स्थिति में पीड़ित को निजी वाहन से इलाज के लिए लखीसराय सदर अस्पताल पहुंचे. जहां चिकित्सक ने जांच के बाद उनके पुत्र को मृत घोषित कर दिया. सदर अस्पताल पहुंचने के बाद अचानक पीड़ित के मुंह से लगातार हल्का पीला कलर का लार के रूप में पानी निकलने लगा था. इमरजेंसी वार्ड में ऑन ड्यूटी तैनात चिकित्सक डॉ गौरव कुमार ने बताया कि युवक की मौत का कुछ भी कारण हो सकता है. मृतक के पिता व उनके साथ आये दोनों सहयोगी ने बताया कि ट्रेन में या फिर किऊल स्टेशन पर भी उन्हें किसी तरह की मदद रेल प्रशासन या रेल पुलिस के द्वारा नहीं मिला. यहां तक की अनजान शहर में खुद ई-रिक्शा कर पीड़ित को जैसे तैसे सदर अस्पताल लाया. इधर, इमरजेंसी वार्ड में ऑन ड्यूटी तैनात चिकित्सक ने भी परेशानी से बचने के लिए बिना पोस्टमार्टम ही मृतक को परिजन को घर ले जाने का सलाह दे दिया. जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मृतक के मौत का कारण स्पष्ट हो सकता था.
चमकी बीमारी से पीड़ित बच्ची का इलाज के दौरान मौत
लखीसराय. जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल इमरजेंसी वार्ड में गुरुवार को इलाज के दौरान चमकी पीड़ित एक बच्ची की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार कवैया थाना क्षेत्र निवासी भोला कुमार की 13 वर्षीय पुत्री अन्नु कुमारी काफी दिनों से चमकी बीमारी से पीड़ित थी. जिसे तबीयत अधिक खराब होने के बाद परिजन ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. इमरजेंसी वार्ड में ऑन ड्यूटी तैनात चिकित्सक डॉ गौरव कुमार ने पीड़िता को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए हायर संस्थान रेफर कर दिया गया. हालांकि परिजन पीड़िता को शहर के ही एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए ले गये, वहां भी चिकित्सक ने हायर संस्थान ले जाने का सलाह दिया. उसके बाद परिजन बच्ची को लेकर सदर अस्पताल वापस लौट आये. जहां इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गयी.
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