एएनएम ट्रेनिंग स्कूल में स्तनपान को लेकर किया जागरुक

एएनएम ट्रेनिंग स्कूल के सभागार में मंगलवार को प्रिंसिपल सुरूचि सिंह की अध्यक्षता में स्तनपान जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2024 8:42 PM
an image

लखीसराय. जिला मुख्यालय नया बाजार सदर पीएचसी परिसर में स्थित एएनएम ट्रेनिंग स्कूल के सभागार में मंगलवार को प्रिंसिपल सुरूचि सिंह की अध्यक्षता में स्तनपान जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ट्रेनिंग स्कूल की प्रशिक्षु छात्राओं ने नुक्कड़-नाटक और पेंटिंग व पोस्टर के माध्यम से स्तनपान से होने वाले लाभ व हानि के बारे में अपने-अपने अनुभव एक दूसरे से सार्वजनिक रूप से साझा किया. प्राचार्य की उपस्थिति में छात्राओं ने प्रसूता महिला को स्तनपान से होने वाले लाभ और हानि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी उपलब्ध कराकर उन्हें स्तनपान के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया. सुरूचि सिंह ने बताया कि एक से सात अगस्त तक जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र पर विश्व स्तनपान सप्ताह दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न तरह के कार्यक्रम का आयोजन कर शिशु बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रसूता एवं गर्भवती महिला को स्तनपान के लिए प्रेरित किया जा रहा है. छह माह तक बच्चों को सिर्फ मां का गाढ़ा पीला दूध पिलाने से बच्चों की इम्युनिटी शक्ति काफी स्ट्रांग हो जाता है. जो जीवन भर उन्हें विभिन्न तरह के रोग से लड़ने में प्रतिरोधक क्षमता उपलब्ध कराता है. बहुत सारी महिलाओं में स्तनपान के कारण शारीरिक संरचना में फेर बदल को लेकर आशंका बना रहता है, जो पूरे तरीके से मिथ्या व तथ्य विहीन है. स्तनपान करने से जहां बच्चे की इम्युनिटी शक्ति बढ़ती है, वहीं मां के स्वास्थ्य व शरीर में निखार आता है. उन्होंने बताया कि बच्चों को मां का दूध पिलाना काफी आसान काम है. जबकि बाहर का दूध या दाल का पानी पिलाने में काफी परेशानी है. सभी मां को अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए छह माह तक सिर्फ और सिर्फ अपना दूध पिलाना चाहिए. जबकि छह माह बाद अनुपूरक आहार सहित दो वर्ष तक मां का दूध पिलाने से बच्चा काफी स्ट्रांग होता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version