आरक्षण के विरोध में राजद का हल्लाबोल

राजद जिला संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण विरोधी निर्णय, एनडीए द्वारा आरक्षण पर साजिश के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2024 9:10 PM

लखीसराय. जिला समाहरणालय परिसर में स्थित निर्धारित धरना स्थल पर रविवार को राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत राजद जिला संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण विरोधी निर्णय, एनडीए द्वारा आरक्षण पर साजिश के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. धरना के उपरांत राज्यपाल को संबोधित मांग पत्र सौंपा गया. राजद के जिलाध्यक्ष कालीचरण दास के नेतृत्व में आयोजित धरना के दौरान वक्तागण बिहार की वर्तमान स्थिति को लेकर बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार को जमकर कोसते हुए हर संघर्ष में पार्टी के साथ रहने का कर्तव्य दोहराया. उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण विरोधी निर्णय एवं एनडीए सरकार द्वारा संवैधानिक आरक्षण को समाप्त करने की साजिश के विरूद्ध में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव के आह्वान पर आयोजित इस धरने के माध्यम से उच्चतम न्यायालय के आरक्षण विरोधी निर्णय को वापस लेने की मांग को प्रमुखता से उठाया. इसके अलावा संवैधानिक आरक्षण को नौवीं सूची में डालकर जाति आधारित जनगणना के आधार पर जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी भागीदारी दिलाये जाने की बात कही. आबादी के अनुकूल संवैधानिक प्रावधान के अनुकूल 65 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, लेकिन उच्चतम न्यायालय के द्वारा 65 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त किया. जिसे वक्ताओं ने असंवैधानिक करार दिया. 65 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखने के लिए राष्ट्रपति एवं केंद्र सरकार दिल्ली को लिखित प्रतिवेदन समर्पित किया जायेगा. जिलाध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी की गलत नीति निर्धारण के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. मोदी सरकार दलित शोषित दबे कुचले अति पिछड़ों की विरोधी सरकार है और संविधान को मूल रूप से समाप्त करना चाहती है. जिसके लिए यह धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है. अगर आरक्षण विरोधी फैसला को न्यायालय एवं सरकार के द्वारा वापस नहीं लिया गया तो बिहार क्या पूरे भारत की जनता संविधान की सुरक्षा के लिए अपने हक और हिस्से के लिए सड़क से सदन तक आंदोलन करने पर उतारू होगी. राजद बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र साहू ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा येन-केन-प्रकरेण आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने की है. ये सरकार सिर्फ बांटो और शासन करो की नीति पर चल रही है. इस धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में पूर्व विधायक फुलेना सिंह, भगवान यादव, राजद बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू, प्रेमसागर चौधरी, मधुसूदन, लोकेश कुमार, सुनील कुमार यादव, पीयूष कुमार आदि प्रमुख लोग नेतृत्व कर रहे थे.

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