ग्रामीण सड़क जर्जर, पैदल चलना भी मुश्किल
पहलवान चौक एनएच-80 से मानिकपुर पीडब्ल्यूडी से जुड़े नया टोला सलेमपुर वार्ड नंबर 14 के ग्रामीण मुख्य सड़क पिछले 20 वर्षों से जर्जर हालत में तब्दील है.
सूर्यगढ़ा. नगर परिषद सूर्यगढ़ा क्षेत्र के पहलवान चौक एनएच-80 से मानिकपुर पीडब्ल्यूडी से जुड़े नया टोला सलेमपुर वार्ड नंबर 14 के ग्रामीण मुख्य सड़क पिछले 20 वर्षों से जर्जर हालत में तब्दील है. सड़क जर्जर रहने से ग्रामीणों में क्षोभ व्याप्त है. मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से 20 वर्ष पूर्व इस सड़क का निर्माण किया गया था. उसके बाद आज तक योजना के नाम से खानापूर्ति होता नजर आ रहा है. स्थानीय जन प्रतिनिधि भी इसे लेकर उदासीन बने हुए हैं. ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तक से इस सड़क की मरम्मत कार्य के लिए अपनी आवाज को बुलंद करने की कोशिश की है. लेकिन आज तक इस सड़क की स्थिति नहीं बदली. फिलहाल सड़क की जो स्थिति है वह विकास के इस दौर में व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती प्रतीत होती है.
कहते हैं ग्रामीण
जिस तरीके से अटकी हुई सांस को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, उसी तरह इस टूटी-फूटी सड़क को भी निमार्ण कार्य की जरूरत है. विदित हो कि सड़क निर्माण नहीं होने से जर्जर सड़क पर कड़क पत्थर पैर में चुभता है. खासकर जब सावन माह में घर से महिला व पुरुष बाबा गौरी शंकर धाम पूजा करने के लिए नया टोला सलेमपुर के मुख्य मार्ग पर चढ़ते हैं तो परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जब क्षेत्र को पंचायती राज्य से नगर परिषद का दर्जा तो मिला तो एक पल के लिए सड़क निर्माण का आश जगा था, परंतु अब वो भी आश खत्म हो गया जब तीन वर्ष नगर परिषद् के गुजर जाने के बाद उक्त सड़क की नसीब नहीं बदला.
अनुराग आनंद, ग्रामीण
सड़क की जो स्थिति है उसमें पैदल चलना भी काफी मुश्किल है. यह सड़क सूर्यगढ़ा नगर परिषद क्षेत्र में आता है. शहरी आबादी वाले इस इलाके में विकास के इस दौर में भी यह सड़क उपेक्षा का शिकार है. स्थानीय नेता या जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.गुलशन कुमार, ग्रामीण
सड़क की जो स्थिति है उसमें ग्रामीणों को पैदल चलने में भी परेशानी होती है. कई बार संसद से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक इस सड़क के जीर्णोद्धार की गुहार लगायी गयी, लेकिन ग्रामीणों की आवाज दब कर रह गया.हिमांशु शेखर, ग्रामीण
लगभग गड्ढे में तब्दील हो चुके इस सड़क में आवागमन भी काफी मुश्किल से होता है. अक्सर दोपहिया वाहन चालक इस जर्जर सड़क में गिरकर चोटिल हो जाते हैं. बारिश के दिनों में स्थिति और बुरी हो जाती है. इस सड़क का जीर्णोद्धार होनी चाहिए.ऋषभ कुमार, ग्रामीणB
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