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बजट को किसी ने सराहा तो किसी ने बिहारी का चुनावी बजट बताया

नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का शनिवार को पहला आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जारी किया.

लखीसराय. नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का शनिवार को पहला आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जारी किया. इस बजट में वित्त मंत्री ने जहां मध्यमवर्गीय को टैक्स पर राहत दी है, वहीं बिहार में मखाना बोर्ड का गठन, किसान क्रेडिट कार्ड लोन की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रूपये करने सहित बिहार में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी आदि की घोषणा की गयी है. जिसको लेकर जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताद्वय बजट को सराहा तो किसी ने बजट को बिहार विधानसभा को देखते हुए चुनावी बजट बताया.

बिहार के लिए समेकित विकास की सौगात लेकर आया है बजट

संसद में पेश 2025-26 के केंद्रीय बजट को विकसित भारत की दिशा में उठाया गया उम्मीदों भरा कदम है. केंद्र की एनडीए सरकार ने एक बार फिर से सिद्ध किया है कि गरीब, किसान, युवा और नारी शक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण से ही देश का समेकित और सतत विकास संभव है. साथ ही इस बजट ने फिर से यह दिखा दिया है कि एनडीए सरकार की ””प्रगति के रोडमैप”” में बिहार की केंद्रीय भूमिका है. बिहार के लिए समेकित विकास की सौगात लेकर आया है यह बजट. वास्तव में यह बजट ””सर्वांगीण विकास”” की ओर उठाया गया मजबूत कदम है. जिसमें समाज कल्याण से लेकर मानव विकास तक, एमएसएमई से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे उभरते क्षेत्रों तक और ग्रामीण उद्यमिता से लेकर सतत शहरी विकास तक को देश के विकास विजन में भागीदार बनाने का सफल प्रयास किया गया है.

-विजय कुमार सिन्हा, डिप्टी सीएम

अमीरों के लिए तैयार किया गया है केंद्रीय बजट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किये गये आम बजट से गरीबों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. इस बजट में किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया है, गरीबों के लिए कोई लाभ नहीं दिया गया है. एक लाख रुपये महीना कमाने वाले लोग भारत में बसते ही नहीं हैं. डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, बिजली बिल, रेल भाड़ा, बस भाड़ा, किसानों के कृषि उपकरण, कीटनाशक, खाद, रोगी की दवा, कपड़ा, सीमेंट, छड़, बालू, नमक तेल आदि किसी के टैक्स में कोई छूट नहीं देकर निर्मला सीतारमण ने गरीब विरोधी मानसिकता वाला बजट प्रस्तुत किया है.

-अमरेश कुमार अनीश, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

रोजगार देने वाला है बजट

निर्मला सीतारमण ने देश के लिए काफी अच्छा बजट प्रस्तुत किया है. यह बजट मध्यम वर्ग, व्यवसाय वर्ग, किसान वर्ग, युवा वर्ग सभी को ध्यान में रखकर संसद में पेश किया गया है. इसमें सभी का ख्याल रखा गया है. इनकम टैक्स में भी छूट प्रदान किया जाना एक अच्छा कार्य है. यह बजट रोजगार देने वाला बजट है, जिससे युवा वर्ग को फायदा पहुंचेगा.

-प्रह्लाद यादव, विधायक, सूर्यगढ़ा विधानसभा

किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर पांच लाख करना स्वागतयोग्य

यह बजट सहकारी क्षेत्रों के लिए काफी बढ़िया है, खासकर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने तथा मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की गयी है, इससे मखाना का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रशिक्षण दिये जाने स्वागतयोग्य है. वहीं 12 लाख रुपये सैलेरी पर कोई टैक्स नहीं देने से मध्यमवर्गीय को काफी राहित मिलेगी.

-विपिन कुमार, वरीय शाखा प्रबंधक, मुंगेर-जमुई सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक

यह आम बजट में वेतनभोगियों के लिए आयकर में 12 लाख तक की छूट एवं टीवी, कैंसर की दवा पर राहत देने के लिए केंद्र सरकार को साधुवाद. फसल-बीमा की राशि बढ़ाकर बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाया गया है न कि किसान को. पूंजीपतियों के कर्ज-माफी में ख्याति प्राप्त केंद्र सरकार द्वारा आम किसानों की कर्ज माफी, मनरेगा आदि की दिशा में कुछ नहीं किया गया. वहीं व्यवसाय के क्षेत्र में एमएसएमई वर्ग में सिर्फ ऋण की राशि बढ़ाकर न तो कच्चे माल न ही बाजार की उपलब्धता की कोई व्यवस्था सरकार के द्वारा की गयी है. चुनावी वर्ष होते हुए भी बिहार के लिए विशेष राज्य अथवा विशेष पैकेज की कोई घोषणा न करते हुए सिर्फ मखाना बोर्ड व ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट निर्माण आदि की घोषणा करना ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन के समान है.

-राजेंद्र प्रसाद साहू, पूर्व प्रबंधक, एसबीआई सह जिलाध्यक्ष, राजद बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ

किसानों के लिए है अच्छा बजट

किसानों के लिए अच्छा बजट है. केसीसी का लिमिटेशन बढ़ा है. किसानों को खाद, बीज, खरीदने में सहूलियत होगी किसानों के लिए मखाना बोर्ड का निर्माण से उन्हें सहूलियत होगी,अबजट में दैनिक उपयोगी सामानों के बारे में भी बजट में चर्चा होनी चाहिए.

-राजेश गुप्ता, खाद बीज व्यवसायी

महिला सशक्तिकरण के लिए पेश किया गया बजट

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा किये गये बजट पेश से महिलाओं का कल्याण होगा अधिकारियों को चाहिए कि महिलाओं के लिए बजट के अनुसार धरातल पर उतर कर महिलाओं के सशक्तिकरण में भागीदारी बने.

-इंदु कुमारी, कोर्डिनेटर, स्वयं सहायता समूहB

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