लखीसराय. जिला खनिज विकास पदाधिकारी रणधीर कुमार के निलंबन के बाद बालू माफिया में हड़कंप मचा हुआ है. चर्चा है कि बालू माफिया से मिल कर खनिज विकास पदाधिकारी एक बड़ी खास रकम की उगाही की है. जिसकी जांच अगर ईमानदारी पूर्वक किया जाय तो इसमें खनिज विकास पदाधिकारी रणधीर कुमार के काले धन का ब्योरा सामने आ जायेगा. खनिज विकास पदाधिकारी का चानन, लखीसराय, रामगढ़ चौक से लेकर जमुई के बालू माफिया के साथ सांठगांठ रही है. वे पिछले ढाई साल से अधिक समय से खनिज विकास पदाधिकारी लखीसराय जिले में टीके है. छह सात माह पूर्व जिला खनिज विकास पदाधिकारी का मुंगेर का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. मुंगेर में जमुई एवं लखीसराय के किऊल नदी के बालू घाटों का बंदोबस्त होता है. इससे उक्त पदाधिकारी का बल्ले-बल्ले हो गया था. खनिज विकास पदाधिकारी रणधीर कुमार के खिलाफ अगर सही से जांच किया जाय तो उनके द्वारा किये गये करतूत के खेल में अन्य पदाधिकारियों की सहमति के साथ साथ बालू माफियाओं का भी भेद खुल सकता हैं.
नदी के घाटों की बंदोबस्ती के साथ-साथ बालू डिपो में भी हुआ है राजस्व के पैसे का हेरफेर
नदी के घाटों के बंदोबस्ती में नियम के अनुसार तो किया गया है, लेकिन बड़ी ही चालाकी से बंदोबस्ती से पूर्व ही एक बड़ी रकम की अवैध तरीके से उगाही की गयी है. वहीं बालू डिपो के लाइसेंस देने में संवेदक से मिलकर अपने फायदे के लिए राजस्व का नुकसान भी किया गया है. बालू का डिपो किऊल नदी से दूर नहीं देकर नजदीक में ही स्टॉक करने का स्थल दे दिया गया है. बालू भंडारण के नाम बालू की चोरी का कारोबार भी जमकर हुआ हुआ और इसकी जांच भी नहीं की गयी. बालू स्टॉकिस्ट के पास जिस क्षमता का अनुज्ञप्ति बनाया गया, उससे डेढ़ गुणा बालू का स्टॉक कर लिया गया है. अब जब आर्थिक अपराध इकाई से जांच की बात सामने आने लगा है तो बालू माफियाओं में खलबली मच गयी है. उपमुख्यमंत्री सह स्थानीय भाजपा विधायक विजय सिन्हा ने स्पष्ट लहजों में कहा है कि बालू के मामले में गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है