लखीसराय. दो-चार दिन पूर्व गिराये गये धान के बिचड़े को पिछले दो दिन की कड़ी धूप किसानों को नुकसान पहुंच सकती है. कड़ी धूप के कारण धान का बिचड़ा सड़-गल सकता है. वैसे धान का बिचड़ा को कड़ी धूप से अधिक नुकसान पहुंचेगा, जिसका हाल ही के दिन अंकुरण हुआ है या फिर अभी तक धान का बिचड़ा का अंकुरण नहीं हो पाया है. मंगलवार एवं बुधवार को कड़ी धूप के कारण लोगों को फिर से मुश्किलें बढ़ा दी है. कड़ी धूप के कारण गर्मी में इजाफा हुआ है. वहीं इस धूप से धान के पौधे को भी नुकसान पहुंच सकता है. धान के पौधे को बराबर सिंचाई करने की भी जरूरत है. जिस खेत में धान की रोपनी हो चुका है. लगातार धूप होने के कारण खेत के सूखने पर उसकी सिंचाई जरूरी हो जाता है. पिछले दो दिन से आसमान में बादल कम ही देखा जा रहा है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मॉनसून कमजोर होने के कारण फिलहाल बारिश की संभावना को लेकर बताया जा रहा है कि फिलहाल बारिश नहीं होगी. झमाझम बारिश के लिए एक पखवारा तक लोगों को इंतजार करना होगा. जब आसमान में बादल के कड़ी धूप लगातार होती है. तो किस की मुश्किलें बढ़ जायेगी. किसानों को धान के रोकने के बाद उसके पटवन का चिंता सताने लगेगा. वहीं धान के बिछड़े का भी खतरा बना रहने का भय है. धान के विचार एवं रोपनी के लिए खेतों में पानी जमा होना आवश्यक है. ऐसे में बारिश नहीं होती है तो किसानों को अपने खेत तक बोरिंग या नहर से पानी पहुंचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है. एक तरफ बिजली विभाग की रवैया के कारण किसानों को परेशानी हो सकती है, तो दूसरी तरफ बारिश नहीं होने से भी किसान की परेशानी बढ़ेगी.
बोले अधिकारी
पौध संरक्षण सहायक निदेशक रीमा कुमारी ने बताया कि इस समय ज्ञान के बिचड़ा को बचाने एवं धान की रोपनी के लिए पानी की आवश्यकता है. कोई कोई खेत में पूर्व से ही पानी जमा हुआ है. जहां धान की रोपनी किया जा सकता है. कहीं-कहीं धान का बीज तैयार नहीं हुआ है. उसके लिए भी पानी की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि धान अकुड़ने से पहले कड़ी धूप से नुकसान पहुंच सकता है. ऐसी स्थिति में किस नहर एवं बोरिंग से खेतों में पानी कर रखे पानी के गर्म होने से धान के बिचड़ा को नुकसान पहुंच सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है