स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का मनाया गया 82वां प्राकट्योत्सव
प्रखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में गोवर्धन मठ, पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का 82वां प्राकट्योत्सव गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
बड़हिया. प्रखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में गोवर्धन मठ, पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का 82वां प्राकट्योत्सव गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान नगर के सीमांत व हेमजा में संचालित लॉर्ड बालाजी गुरुकुल शिक्षण संस्थान में श्री शंकराचार्य जी महाराज के जन्मदिवस पर घंटेभर का अखंड और सामूहिक चालीसा पाठ का आयोजन किया गया. शंकराचार्य के चित्र के समक्ष दीप जलाकर विधि विधान के साथ पूजन किया गया. जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में मौजूद छात्र-छात्राओं और शिक्षकों द्वारा हनुमान चालीसा का सस्वर पाठ किया गया. आरती और जयघोष बाद प्रसाद का वितरण किया गया. इससे पूर्व छात्रों अभिभावकों के बीच पूरी पीठाधीश्वर व शंकराचार्य की विशेषता और उपयोगिता को रखा गया. इस दौरान वक्ताओं में शामिल आशुतोष कुमार, रघुवीर कुमार आदि ने कहा कि धर्म ज्ञान के बगैर हर नैतिक और विषयक शिक्षा अधूरी है. जिसका जीते जागते प्रमाण निश्चलानंद सरस्वती महाराज हैं. जिनके गणित और विज्ञान विषय के अथाह ज्ञान का विश्व लोहा मानता है. बताया गया कि उनकी योग्यता इतनी विशाल है कि समय समय पर नासा, इसरो जैसी वैश्विक संस्था इनके साथ बैठकर ज्ञान अर्जित करते हैं. बौद्ध धर्म को अपना चुके भारतवासी को पुनः हिंदू धर्म की ओर मोड़ने का श्रेय शंकराचार्य को ही जाता है. उनके बताये और दिखाये मार्ग का अनुसरण हर देशवासी को निश्चित रूप से करना चाहिए. मौके पर शिक्षक गोपाल कुमार, विश्वनाथ सिंह, परशुराम सिंह, इंद्रेश झा, राहुल झा, इंद्रजीत शांडिल्य, सौरभ कुमार, सुनील कुमार समेत काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है