पुस्तकालय की स्थिति व पुस्तकालय की महत्ता पर विचार गोष्ठी का आयोजन
पुस्तकालय की स्थिति और पुस्तकालय की महत्ता विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया.
बड़हिया. नगर स्थित श्री जगदंबा हिंदी पुस्तकालय के सभागार में गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वर्तमान में पुस्तकालय की स्थिति और पुस्तकालय की महत्ता विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. ये पुस्तकालय संचालन समिति के अध्यक्ष अशोक प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. गोष्ठी का संचालन सचिव सुरेश प्रसाद सिंह माधुर्य के द्वारा किया गया. गोष्ठी के मुख्य अतिथि रहे भारत सरकार की सेवानिवृत्त पंचायती राज सचिव सुनील कुमार ने वर्तमान स्थिति में पुस्तकालय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रत्येक तीन हजार की आबादी पर एक सार्वजनिक पुस्तकालय का होना अंतरराष्ट्रीय पुस्तकालय एवं यूनेस्को द्वारा निर्धारित है. जबकि बिहार राज्य में अभी मात्र 51 पुस्तकालय ही संचालित हैं, जो बिहार वासियों के लिए सोचनीय व विचारणीय विषय है. वहीं उन्होंने बताया कि सरकारी उदासीनता की वजह से जहां सिन्हा लाइब्रेरी पटना समस्याओं से जूझ रहा है, वहीं जगदंबा हिंदी पुस्तकालय का 102 वर्ष बाद भी संचालित जन सहयोग से होना बड़ी बात है. अपने संबोधन में बताया कि 2008 ई में बिहार विधानसभा से पुस्तकालय एक्ट पारित होने के बाद भी उसके अनुसार कार्य नहीं होना बिहार वासियों के उदासीनता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि स्पोकन इंग्लिश के लिए तथा जगदंबा हिंदी पुस्तकालय को डिजिटल लाइब्रेरी के लिए व्यक्तिगत रूप से सहयोग करेंगे. साथ ही इसके लिए विशेषज्ञ से सहयोग की भी करायेंगे. वर्तमान पुस्तकालय के जीवंत के लिए उन्होंने कहा कि पुस्तकालय को विभिन्न गतिविधियों का केंद्र बनाया जाना आवश्यक है. उदाहरण सूचना हब के रूप में विकसित करना, सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करना, बैंक कर्मियों का कैंप लगाकर आमजन को बैंक संबंधित कार्यों की जानकारी देना, स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करना, पुस्तकालय को सभी आयु वर्ग के गतिविधि केंद्र के रूप में विकसित करना, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित समाजवादी नेता शिवबालक सिंह ने कहा कि पुस्तकालय का अस्तित्व पुस्तकालय के पाठक पर निर्भर करता है. जिस पर हम सब को ध्यान देकर पाठक बढ़ाना चाहिए. धन्यवाद ज्ञापन सलाहकार समिति के वरिष्ठ सदस्य मिथलेश प्रसाद सिंह के द्वारा किया गया गोष्ठी में समाजवादी नेता शिवबालक सिंह, मिथिलेश प्रसाद सिंह, शंकर सिंह, प्रवीण कुमार झुन्नु, रामनारायण सिंह उर्फ संजय, नंदन सिंह श्रीकांत ठाकुर, नीरज कुमार, गौतम कुमार, कृष्ण मोहन सिंह, आनंद सौरभ, आनंद कुमार उर्फ गिरधारी शेखर कुमार, शशिकांत मिश्रा, चंदन कुमार, सुरेश प्रसाद, रामजी सिंह, संजीव कुमार, विजय कुमार सिंह, पंकज कुमार, शिवम कुमार आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
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