लखीसराय. सदर प्रखंड व शहर के विभिन्न जगहों से ताजिया जुलूस निकाला गया. ताजिया जुलूस में ढोल, बाजा, नगाड़ा आदि शामिल किया गया. वहीं हसन हुसैन के गम में लाठियां, तलवार, भाला का भी खेल किया गया. ताजिया जुलूस में मुस्लिम एवं हिंदू वर्ग के लोग भी शामिल हुए. मुहर्रम को लेकर हिंदू वर्ग के लोग भी अपनी मन्नत पूरी होने के बाद अगरबत्ती पैसे आदि भी देते हैं. ताजिया जुलूस शहर के नया बाजार, पचना रोड, छोटी दरगाह एवं बड़ी दरगाह से निकलती है. ताजिया जुलूस में भारी संख्या में लोग शामिल हुए. वहीं अपने अपने हिसाब से ताजिया जुलूस में ढोल नगाड़े के साथ एक से बढ़कर एक करतब प्रस्तुत किया गया. इधर, सदर प्रखंड के हकीमगंज खगौर एवं वृंदावन गांव से भी ताजिया निकल निकली गयी. रास्ते में रूक-रूककर लाठी डंडा तलवार भाला आदि का करतब दिखाया गया. डीजे के धुन में ताजिया पर लाठियां का खेल प्रस्तुत किया गया. हकीमगंज खगौर एवं वृंदावन के ताजिया जुलूस गढ़ी बिशनपुर चौक होते इंग्लिश मोहल्ला पहुंचा. वहीं पचना रोड छोटी एवं बड़ी दरगाह का ताजिया जुलूस मुख्य सड़क होते हुए इंग्लिश मोहल्ला पहुंचा.
शाम को लगा इंग्लिश मोहल्ला में मेला, सभी वर्ग के लोग हुए शामिल
प्रत्येक साल की तरह इस साल भी मुहर्रम के अवसर पर दो मंजिला, तीन मंजिला ताजिया लेकर जुलूस के रूप में इंग्लिश मोहल्ला पहुंचा. जहां मेला लगाया गया. मेला के दौरान युवकों ने अपना-अपना तलवारबाजी लाठी एवं भाला का गजब गजब करतब प्रस्तुत किया. जिसे लोग देखने के लिए उमड़ पड़ते हैं. मेला में झुला, दुकान आदि लगाया गया. मेला में हिंदू वर्ग के लोग भी पहुंचकर मेला का लुत्फ उठाया. मेला के दौरान आइसक्रीम, चाट, मिठाइयां की आदि का दुकान लगाया गया. बच्चों के लिए खिलौने गुब्बारा का दुकान दिन से ही लगाना शुरू हो जाता है. प्रत्येक साल इंग्लिश मुहल्ले में मेला का आयोजन कर लोगों द्वारा पूरी रात जमकर लुत्फ उठाया गया.गुरुवार की अहले सुबह पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ होगा पहलाम
रात्रि को 10 से 11 बजे तक भारी जुलूस के साथ इंग्लिश मोहल्ला में ताजिया पहुंचने के बाद पूरी रात तलवारबाजी लाठी और भाला का खेल किया जाता है. फिर अहले सुबह सभी अपने-अपने ताजिया के साथ इंग्लिश मोहल्ला के कोल्ड स्टोरेज के रास्ते से कार्यानंद नगर होते चितरंजन रोड से बड़ी दरगाह पहुंचेंगे. जहां पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की कड़ी विधि व्यवस्था के बीच ताजिया का पहलाम किया जाता है. सुबह से नौ 10 बजे दिन तक बड़ी दरगाह में हकीम खान वृंदावन एवं खगौर के अलावा पटना रोड छोटी दरगाह के लोग शामिल होते हैं. बड़ी दरगाह में भी सुबह से ही भीड़ जमा होने लगता है. वहां भी दुकान लगायी जाती है.बोले मौलाना
मौलाना मो. हफीज ने बताया कि हसन हुसैन की याद में मनाया जाने वाला मुहर्रम पर्व गमों का पर्व है. इस दिन लोग लाठियां, तलवारबाजी कर अपने गम का इजहार करते हैं. उन्होंने कहा कि ताजिया जुलूस में सभी वर्ग के लोग शामिल होते हैं. बरसों से इंग्लिश मोहल्ला में सभी जगह से ताजिया पहुंचता है. जहां मेला का आयोजन होता है एवं लाठी एवं तलवारबाजी का एक से बढ़कर एक खेल प्रस्तुत किया जाता है, सुबह में ताजिया का पहलाम कराया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है